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Last Updated:January 30, 2025, 23:56 IST
Nursery business: बनासकांठा के किसान भरतभाई सांखला ने 12वीं के बाद नर्सरी व्यवसाय शुरू किया और आज सालाना 12 लाख रुपये कमा रहे हैं. उनकी नर्सरी से किसान शक्करकंद, तरबूज, मिर्च और अन्य पौधे खरीदते हैं,.
नीलेश माजिराना/बनासकांठा: जिला गुजरात का एक ऐसा इलाका है, जहां ज्यादातर लोग खेती और पशुपालन से अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं. परंपरागत खेती में ज्यादा मेहनत लगती है और मुनाफा भी कम होता है. लेकिन अब यहां के युवा किसान नई तकनीकों का इस्तेमाल कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं.
12वीं तक की पढ़ाई
ऐसे ही एक किसान हैं डीसा तालुका के राणपुर गांव के भरतभाई सांखला. इन्होंने सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई की, लेकिन अपनी सूझबूझ और मेहनत के दम पर नर्सरी व्यवसाय में कदम रखा. अब वे हर साल 10 से 12 लाख रुपये कमा रहे हैं. आइए जानते हैं कि उन्होंने यह काम कैसे शुरू किया और इसमें क्या खास बात है.
कैसे हुई नर्सरी व्यवसाय की शुरुआत?
भरतभाई सांखला ने सात साल पहले अपनी एक बीघा जमीन पर नर्सरी की शुरुआत की. उन्होंने शुरुआत में 5 से 7 लाख रुपये का निवेश किया और कोकोपीट व ट्रे की मदद से पौधों को तैयार करना शुरू किया. धीरे-धीरे उनकी नर्सरी की पहचान बढ़ी और किसान उनसे पौधे खरीदने आने लगे. आज उनका यह व्यवसाय इतना सफल हो चुका है कि वे लाखों रुपये कमा रहे हैं.
कौन-कौन से पौधे होते हैं तैयार?
इस नर्सरी में कई तरह के पौधे उगाए जाते हैं, जो किसानों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इनमें शक्करकंद, तरबूज, मिर्च, टमाटर, गोभी, फूलगोभी और कई तरह के फूलों के पौधे शामिल हैं. ये सभी पौधे उच्च गुणवत्ता के होते हैं, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है.
कितनी होती है पौधों की कीमत?
भरतभाई अपने नर्सरी में तैयार पौधों को बेहद किफायती दामों पर बेचते हैं.
- शक्करकंद का एक पौधा 1.70 रुपये में मिलता है.
- तरबूज का एक पौधा 2.50 रुपये में उपलब्ध है.
- मिर्च का एक पौधा 1.50 से 2 रुपये के बीच मिलता है.
इनकी नर्सरी के पौधों की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि न केवल बनासकांठा बल्कि राजस्थान के किसान भी उनसे पौधे खरीदने आते हैं.
स्थानीय किसानों के लिए बड़ी सुविधा
भरतभाई ने नर्सरी व्यवसाय इसलिए शुरू किया क्योंकि उन्होंने देखा कि स्थानीय किसान अच्छे पौधों के लिए दूर-दराज के इलाकों पर निर्भर रहते थे. उन्होंने इस मौके को पहचाना और अपनी नर्सरी में ही गुणवत्तापूर्ण पौधे तैयार करने का फैसला किया. इससे किसानों का समय और पैसा दोनों बचने लगा और वे आसानी से अच्छे पौधे प्राप्त करने लगे.
First Published :
January 30, 2025, 23:56 IST
12वीं पास किसान ने कर दिखाया कमाल! नर्सरी से हर साल कमा रहे 12 लाख रुपये