नई दिल्ली. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने फेसबुक और वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) पर अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी अपडेट के संबंध में लगाया गया है. यह मामला वाट्सऐप की 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने के साथ यूजर डेटा जुटाने और मेटा की दूसरी कंपनियों के साथ उसे साझा करने से जुड़ा है. आयोग ने निर्देश दिया है कि वाट्सऐप अपने प्लैटफॉर्म पर एकत्रित किए गए यूजर डेटा को मेटा की दूसरी कंपनियों या मेटा कंपनी प्रोडक्ट्स के साथ विज्ञापन के उद्देश्यों से साझा नहीं करेगी. यह रोक 5 साल के लिए लगाई गई है. आयोग ने मेटा और वाट्सऐप (WhatsApp) को यह निर्देश भी दिया है कि वे एक तय समय में सुधार के कुछ कदम उठाएं.
आयोग ने पाया कि 2021 का पॉलिसी अपडेट अनुचित था. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि अपडेट के जरिए मेटा ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन किया. आयोग ने कहा कि वॉट्सऐप का डेटा वॉट्सऐप सर्विस मुहैया कराने के अलावा दूसरे उद्देश्यों के लिए मेटा की कंपनियों के बीच शेयर करना मेटा की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के लिए एंट्री बैरियर है. यह दूसरी कंपनियों को डिस्प्ले एडवर्टाइजिंग के मार्केट में आने से रोकता है. आयोग ने यह भी पाया कि मेटा ने स्मार्टफोन के जरिए OTT मेसेजिंग ऐप्स के मार्केट में अपने दबदबे का इस्तेमाल ऑनलाइन डिस्प्ले एडवर्टाइजिंग मार्केट में अपनी स्थिति सुरक्षित रखने में किया और यह काम भी एक्ट का उल्लंघन है.
CCI imposes a monetary punishment of ₹213.14 crore connected Meta for 2021 Privacy Policy Update, on with a cease-and-desist absorption and circumstantial behavioral remedies. pic.twitter.com/JUNCHP9oF0
— CCI (@CCI_India) November 18, 2024
2021 में बदली थी प्राइवेसी पॉलिसी
जनवरी 2021 में वॉट्सऐप ने यूजर्स को अपनी सेवाओं और प्राइवेसी पॉलिसी के अपडेट के बारे में जानकारी देना शुरू किया था. इन-ऐप नोटिफिकेशन में बताया गया था कि 8 फरवरी 2021 से लागू शर्तों को स्वीकार करना अनिवार्य होगा. इस अपडेट में डेटा कलेक्शन का दायरा बढ़ाते हुए मेटा की कंपनियों के साथ डेटा शेयरिंग को अनिवार्य किया गया था. 25 अगस्त 2016 की प्राइवेसी पॉलिसी में वॉट्सऐप यूजर्स को यह विकल्प दिया गया था कि वे फेसबुक के साथ डेटा शेयर करना चाहते हैं या नहीं. लेकिन 2021 के पॉलिसी अपडेट में वॉट्सऐप ने मेटा के साथ डेटा शेयरिंग को सभी यूजर्स के लिए अनिवार्य बना दिया.
पांच साल के लिए लगाई गई रोक
आयोग ने निर्देश दिया है कि वॉट्सऐप अपने प्लेटफार्म पर कलेक्ट किए गए यूजर डेटा को मेटा की दूसरी कंपनियों या मेटा कंपनी प्रोडक्ट्स के साथ विज्ञापन के उद्देश्यों से साझा नहीं करेगी. यह रोक 5 साल के लिए लगाई गई है. इसके अलावा अगर विज्ञापन बजाय दूसरे मकसद से वॉट्सऐप, यूजर डेटा मेटा की दूसरी कंपनियों को शेयर करता है तो उसे डेटा का पूरा ब्यौरा देना होगा और साथ ही यह भी बताना होगा कि इसे किस उद्देश्य से शेयर किया गया है.
नहीं थोपी जाएगी शर्त
आयोग ने कहा है कि भारत में वाट्सऐप सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स पर यह शर्त नहीं थोपी जाएगी कि उनके वॉट्सऐप डेटा को मेटा की दूसरी कंपनियों या मेटा कंपनी उत्पादों के साथ साझा किया जाएगा. वॉट्सऐप को इन-ऐप नोटिफिकेशन के माध्यम से यूजर्स को यह जानकारी देनी होगी कि वे अपने डेटा को साझा करने के निर्णय को कभी भी बदल सकते हैं. उन यूजर्स को भी यह विकल्प मिलेगा, जिन्होंने 2021 के अपडेट में वॉट्सऐप की शर्तें स्वीकार कर ली थीं.
कभी भी बदल सकेंगे च्वाइस
आयोग ने आदेश दिया है कि वॉट्सऐप को यूजर्स को डेटा शेयरिंग के बारे में अपनी चॉइस बदलने का विकल्प भी देना होगा. इसके लिए वॉट्सऐप सेटिंग में एक टैब मुहैया कराना होगा. आयोग ने कहा है कि भविष्य में होने वाले सभी पॉलिसी अपडेट्स में भी इन नियमों का पालन करना होगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 07:34 IST