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Boeing layoff : हड़ताल, घाटा और अब कर्मचारियों की छंटनी, क्यों कम नहीं हो रही बोइंग की मुश्किलें
नई दिल्ली. दिग्गज एयरोस्पेस कंपनी बोइंग काफी मुश्किलों में फंसी हैं. कंपनी के बनाए विमानों में खामियां मिलने के बाद वह नियामकीय कार्रवाईयों का सामना कर रही है. इस साल उसे 8 अरब डॉलर का घाटा हो चुका है. पिछले महीने ही 33,000 कर्मचारियों ने लंबी हड़ताल की जिससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ. कंपनी साल 2027 से कुछ विमानों का उत्पादन भी बंद करने को विवश है. अब खराब वित्तीय स्थिति सुधारने को कंपनी ने अपनी वर्कफोर्स में 10 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है और कहा है कि वह करीब अपने 17000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी. बोइंग के पास दुनियाभर में 170000 कर्मचारी हैं.
कंपनी बढ़ती लागत को कम करने खर्च में कटौती करने के लिए ऐसा कदम उठा रही है. कर्मचारियों की छंटनी के फैसले के जनवरी के मध्य में प्रभावी होने की उम्मीद है. बोइंग के ज्यादातर कर्मचारी अमेरिका के दक्षिण कैरोलिना और वाशिंगटन राज्य में स्थित उत्पादन इकाईयों में काम करते हैं. कंपनी के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा है कि ये बदलाव कंपनी की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया गया है. केली ने स्पष्ट किया कि पहले से घोषित परियोजनाओं पर काम जारी रहेगा.
बड़े अधिकारियों की भी जाएगी नौकरी
ऑर्टबर्ग ने पिछले महीने कर्मचारियों को बताया था कि नौकरी में कटौती में अधिकारी, प्रबंधक और कर्मचारी शामिल होंगे. ऑर्टबर्ग ने कर्मचारियों से कहा कि हमारा बिजनेस कठिन दौर से गुजर रहा है और चुनौतियों से निपटने के लिए कठोर फैसले लेने आवश्यक हो गए हैं.
विमानों का उत्पादन भी रोकेगी कंपनी
छंटनी के अलावा, बोइंग ने 2027 से वाणिज्यिक 767 मालवाहक विमानों के उत्पादन को रोकने की घोषणा भी की है. इसके अलावा कंपनी के नए विमान 777X में तकनीकी खामियां पाए जाने के कारण नए 777X के रोलआउट को 2026 तक के लिए टाल दिया गया है. गौरतलब है कि दो घातक दुर्घटनाओं के बाद कंपनी को अपने विमान, 737 मैक्स का निर्माण रोकना पड़ा. इस वजह से कंपनी को कई सुरक्षा और विनियामक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है.
Tags: Boeing 737 Max, Job loss
FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 07:59 IST