Explainer: क्या है मुद्रा योजना, जिसका जिक्र राष्ट्रपति के अभिभाषण में हुआ

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Last Updated:January 31, 2025, 12:35 IST

Mudra Yojana: राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले आज अपने अभिभाषण में कई उन बातों और योजना का जिक्र किया, जो अच्छे काम मौजूदा सरकार कर रही है. उन्होंने इस भाषणा में सरकार की मुद्रा योजना का खासतौर पर जिक्र किया. जान...और पढ़ें

 क्या है मुद्रा योजना, जिसका जिक्र राष्ट्रपति के अभिभाषण में हुआ

हाइलाइट्स

  • राष्ट्रपति ने मुद्रा योजना की सराहना की
  • मुद्रा योजना से छोटे कारोबारियों को मदद मिलती है
  • मुद्रा योजना में बिना गारंटी लोन मिलता है

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र के पहले दोनों सदनों को एक साथ अभिभाषण के जरिए संबोधित किया. उनके भाषण के सरकार के बजट से पहले की दशा- दिशा का भी संकेत मिलता है. इस अभिभाषण में उन्होंने कई बातों की चर्चा की, जिसमें मुद्रा योजना पर खास जोर डाल कर कहा कि ये योजना किस तरह छोटे कारोबारियों के लिए काफी मुफीद रही है. अच्छी तरह काम कर रही है, काम आ रही है.

जानते हैं कि क्या है ये योजना. ये किस तरह काम करती है. इसके जरिए कितना पैसा छोटे कारोबारियों को दिया जा चुका है. साथ ही ये भी जानें कि इस योजना में लोन लेने में क्या दिक्कतें आमतौर पर सामने आती हैं.

क्या है मुद्रा योजना
मुद्रा योजना (MUDRA Yojana) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के नाम से भी जाना जाता है.ये योजना छोटे कारोबारियों को वित्तीय सहायता देकर आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है. कोई छोटा व्यवसाय शुरू करने वाले इसका फायदा ले सकते हैं.

कब शुरू हुई ये
इसकी शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को हुई. इसका लक्ष्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को आसान ऋण उपलब्ध कराना है. इसमें योजना में विभिन्न बैंकों, NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ), और माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं द्वारा लोन उपलब्ध कराया जाता है.

किसे मिलता है इसका फायदा
गैर-कॉर्पोरेट छोटे व्यवसायों के लिए ये योजना शुरू की गई. इसका लाभ छोटे दुकानदारों, हस्तशिल्पियों, फल/सब्जी विक्रेताओं, छोटे कारखानों, ट्रांसपोर्ट सेवाओं आदि को मिलता है.

मुद्रा योजना में कितना ऋण
मुद्रा योजना के तहत तीन प्रकार के ऋण दिए जाते हैं
शिशु (Shishu) योजना – ₹50,000 तक का लोन (छोटे व्यापार शुरू करने के लिए)
किशोर (Kishor) योजना – ₹50,000 से ₹5 लाख तक का लोन (व्यवसाय विस्तार के लिए)
तरुण (Tarun) योजना – ₹5 लाख से ₹10 लाख तक का लोन (बड़े स्तर पर व्यापार के लिए)
मुद्रा योजना का लाभ कौन ले सकता है?

इस योजना की खासियत क्या है
– बिना गारंटी लोन
– कम ब्याज दर
– महिला उद्यमियों को विशेष लाभ
– लोन चुकाने की सरल प्रक्रिया

इसमें कैसे आवेदन कैसे करते हैं
– नजदीकी बैंक शाखा में जाकर मुद्रा लोन के लिए आवेदन करें.
– ऑनलाइन आवेदन भी बैंक की वेबसाइट या मुद्रा योजना की आधिकारिक वेबसाइट से किया जा सकता है
– आधार कार्ड, बिजनेस प्लान, बैंक स्टेटमेंट, GST नंबर आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होती है

कितना ऋण अब तक दिया गया
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत, 31 मार्च 2023 तक कुल 62,310,598 ऋण स्वीकृत किए गए, जिनकी स्वीकृत राशि ₹4,56,537.98 करोड़ है, और वितरित राशि ₹4,50,423.66 करोड़ है.

इसमें कितना ब्याज लिया जाता है
ब्याज दरों की बात करें तो, मुद्रा लोन पर ब्याज दरें बैंक और लोन की श्रेणी के अनुसार भिन्न हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में एक वर्ष के MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) + 2.75% की ब्याज दर लागू होती है.
आमतौर पर, शिशु लोन (₹50,000 तक) पर ब्याज दर 10-12% तक हो सकती है, जो थोड़ी ज्यादा है.
हालांकि, ब्याज दरें बैंक, लोन की राशि, और आवेदक की प्रोफ़ाइल के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं.

इस लोन को लेने में क्या दिक्कतें आती हैं
इस योजना का लाभ लेने में कुछ चुनौतियां भी आती हैं.
1. ऋण स्वीकृति में कठिनाई
– बैंक और वित्तीय संस्थान सभी आवेदकों को आसानी से लोन नहीं देते।
– कई बार आवेदन अस्वीकार कर दिया जाता है, खासकर जब क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं होता.
– नए बिजनेस वालों को गारंटी के बिना लोन लेने में मुश्किल होती है.

2. दस्तावेजी प्रक्रिया जटिल होना
– कई छोटे व्यापारियों को आवश्यक दस्तावेजों (व्यवसाय पंजीकरण, GST नंबर, आय प्रमाण पत्र आदि) की जानकारी नहीं होती.
– दस्तावेज अधूरे होने के कारण लोन आवेदन रिजेक्ट हो सकता है.

3. बैंक कर्मियों की असहमति
– कई बैंक छोटे लोन देने में रुचि नहीं दिखाते क्योंकि उन्हें इनसे ज्यादा मुनाफा नहीं होता.
– बैंक के अधिकारी कभी-कभी व्यक्तिगत गारंटी या अतिरिक्त दस्तावेज मांग सकते हैं, जो नियमों के अनुसार जरूरी नहीं होते.

4. उच्च ब्याज दर
– कुछ बैंकों और NBFCs में मुद्रा लोन की ब्याज दरें अपेक्षाकृत अधिक होती हैं.
– छोटे व्यापारियों के लिए ब्याज दर चुकाना एक चुनौती बन सकता है.

5. लोन की सीमा
– अधिकतर छोटे उद्यमी 10 लाख से अधिक लोन लेना चाहते हैं, लेकिन मुद्रा योजना में अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये ही है
– बड़े व्यापार विस्तार के लिए यह फंड पर्याप्त नहीं होता.

6. महिला उद्यमियों को लोन में दिक्कत
– सरकार महिला उद्यमियों को बढ़ावा देती है, लेकिन कई बार महिलाओं को लोन स्वीकृति में दिक्कत होती है क्योंकि उनके पास खुद के नाम पर ज्यादा संपत्ति या क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती.

7. जागरूकता की कमी
– ग्रामीण इलाकों में बहुत से छोटे व्यापारी इस योजना के बारे में जानते ही नहीं.
– बिचौलिए या एजेंट गलत जानकारी देकर लोगों से पैसा वसूलते हैं.

समाधान क्या है?
– बैंकिंग प्रक्रिया को सरल बनाना
– सरकारी एजेंसियों द्वारा जागरूकता अभियान चलाना
– बैंक कर्मियों को निर्देश देना कि वे बिना अनावश्यक दस्तावेज माँगे लोन प्रक्रिया को आगे बढ़ाएँ
– ब्याज दरों को नियंत्रित करना ताकि छोटे कारोबारियों को राहत मिले

Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

January 31, 2025, 12:35 IST

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