मंडलेश्वर का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट.
खरगोन. मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी, जो लाखों लोगों की प्यास बुझाती है और देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक मानी जाती है, लगातार दूषित हो रही है. घरों से निकलने वाला गंदा पानी सीधे नर्मदा में बह रहा है. इसे रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने खरगोन के मंडलेश्वर, महेश्वर, बड़वाह और सनावद समेत नर्मदा किनारे बसे 20 शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का निर्णय लिया था. हालांकि, हकीकत यह है कि अभी तक किसी भी शहर में यह काम पूरा नहीं हुआ है. महेश्वर में तो निर्माण कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है, जबकि सरकार का दावा है कि अधिकतर जगहों पर काम अंतिम चरण में है.
6 साल बाद भी काम अधूरा
लोकल 18 की टीम ने मंडलेश्वर में इस प्रोजेक्ट की पड़ताल की, तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. लगभग 12 हजार की आबादी वाले इस शहर में 12 दिसंबर 2017 को गुजरात की इंजीनियरिंग प्रोफेशनल कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए वर्क ऑर्डर जारी किया गया था. इस प्रोजेक्ट की लागत 23 करोड़ 26 लाख 94 हजार 942 रुपए थी और इसे 2 साल में पूरा होना था, लेकिन 6 साल बाद भी काम अधूरा है.
पाइपलाइन बिछाई, पर कनेक्टिविटी नहीं
जांच के दौरान टीम ने पाया कि 80-90% इलाके में पाइपलाइन बिछा दी गई है, लेकिन घरों से पाइपलाइन की कनेक्टिविटी नहीं हुई है. 10% इलाकों में अब भी पाइपलाइन का काम अधूरा है. मुख्य पंप हाउस और प्लांट की बिल्डिंग का निर्माण भी अभी चल रहा है. कंपनी का दावा है कि अगले 5 महीनों में प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा.
रहवासियों को रही समस्याएं
नगर के वार्ड 12 और 13 के निवासियों विजय गोयल, राकेश पटेल और वसीम कुरैशी ने बताया कि आधे वार्ड में चेंबर बन गए हैं, जबकि बाकी हिस्से में काम अधूरा है. घरों का पानी अब भी नालियों के जरिए सीधे नर्मदा में गिर रहा है. वहीं, वार्ड 9, 4 और 5 के निवासियों सुधीर आर्य, चैतन्य पटवारी और हरचरण सिंह मुच्छाल ने कहा कि मुख्य मार्गों एमजी रोड, कसरावद रोड और जेल रोड पर अभी तक चेंबर और पाइपलाइन डालने का काम नहीं हुआ है. काम की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि कुछ चेंबर अंदर से अधूरे और कमजोर बने हैं. कई चेंबर अभी से टूटने लगे हैं.
कंपनी का दावा- 90% काम पूरा
प्रोजेक्ट इंजीनियर मोहित राजपूत का कहना है कि प्रोजेक्ट का 90% काम पूरा हो चुका है. 90% सिविल वर्क हो गया है और अधिकांश क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछा दी गई है. 15 वार्डों में कुल 820 हाउस चेंबर बनाए गए हैं, जिनमें से 500 से अधिक घरों को चेंबर से जोड़ा जा चुका है. मार्च 2025 तक प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा और नर्मदा में गंदा पानी बहना बंद हो जाएगा.
पंपिंग स्टेशनों का काम भी अधूरा
प्रोजेक्ट के तहत तीन पंपिंग स्टेशनों का निर्माण किया जाना था, जिनमें से एक मैन और दो इंटरमीडिएट स्टेशन हैं. इनमें से एक पंपिंग स्टेशन का काम पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे का काम अभी चल रहा है. मैन पंपिंग स्टेशन का काम अब भी अधूरा है, जिसमें मेकेनिकल और इलेक्ट्रिकल वर्क बाकी है. फिलहाल, इस प्रोजेक्ट की जमीनी हकीकत को देखने के बाद यह कह पाना मुश्किल है कि 6 महीने में काम पूरा हो जाएगा. बरहाल, मंडलेश्वर और अन्य शहरों में नर्मदा की सफाई का यह प्रोजेक्ट अधूरा ही है.
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FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 09:45 IST