आईआईपीआर
कानपुर: भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर), कानपुर ने चने की एक खास प्रजाति विकसित की है, जो किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है. यह नई प्रजाति न केवल अधिक उत्पादन देगी, बल्कि इसमें 26% प्रोटीन की उच्च मात्रा है. जिम जाने वाले युवाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले व्हे प्रोटीन का यह चना एक बड़ा स्रोत बन सकता है.
26% प्रोटीन से युक्त है यह चना
आईआईपीआर के विशेषज्ञों ने इस प्रजाति का नाम आईपीसी 5-10-62 रखा है. यह प्रोटीन की मात्रा के मामले में अन्य प्रजातियों से बहुत आगे है. जहां सामान्य चने में 20-22% प्रोटीन होता है, वहीं इस नई प्रजाति में 26% प्रोटीन की मात्रा है.
किसानों के लिए फायदेमंद
संस्थान के निदेशक, डॉक्टर जी.पी. दीक्षित ने बताया कि यह प्रजाति न केवल अधिक उत्पादन देगी, बल्कि किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया भी बनेगी. इस प्रजाति से व्हे प्रोटीन तैयार किया जा सकता है, जो बाजार में ऊंचे दामों पर बिकता है. ऐसे में यह चना किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगा.
यह हैं इसकी खासियतें
तेज उत्पादन: यह चना केवल 120 दिनों में पककर तैयार हो जाएगा.
उच्च पैदावार: प्रति हेक्टेयर में 20 क्विंटल तक फसल उगाई जा सकती है.
बीज उपलब्धता: संस्थान अगले साल से किसानों को बीज उपलब्ध कराने की तैयारी में है. इसके लिए बड़े पैमाने पर बीज उत्पादन का काम जारी है.
अगले साल से लें बीज
डॉ. दीक्षित ने बताया कि जो किसान यह फसल उगाना चाहते हैं, वे अगले साल से बीज प्राप्त कर सकेंगे. संस्थान का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक किसान इस नई प्रजाति को अपनाएं और अपनी आमदनी में वृद्धि करें. इस नई प्रजाति के आने से न केवल किसानों को बेहतर आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि पोषण की दृष्टि से भी यह समाज के लिए लाभकारी साबित होगी
Tags: Agriculture, Local18
FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 13:13 IST