दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण NCLAT ने कर्ज में डूबे IL&FS समूह को अपनी सहायक कंपनी आईएलएंडएफएस पारादीप रिफाइनरी वाटर लिमिटेड (आईपीआरडब्ल्यूएल) को सफल बोलीदाता को बेचने की अनुमति दे दी है। खबरों के मुताबिक इससे आईएलएंडएफएस को करीब 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में मदद मिल सकती है। आईपीआरडब्ल्यूएल की स्थापना ओडिशा में आईओसी द्वारा विकसित 1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता वाली पारादीप रिफाइनरी परियोजना की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए की गई थी।
प्रॉपर्टी बेचकर कर्ज चुका रही कंपनी
IL&FS परिसंपत्तियां बेचकर अपने कर्ज को कम कर रही है, और उसे आईपीआरडब्ल्यूएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए आईओसी से सहमति नहीं मिली थी। ऐसे में आईएलएंडएफएस ने प्रक्रिया की निगरानी कर रहे राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से संपर्क किया था, ताकि आईओसीएल को निर्देश दिया जा सके कि वह उचित मूल्यांकन पर आईपीआरडब्ल्यूएल में 100 प्रतिशत शेयरधारिता हासिल करे या फिर इसे बेचने की अनुमति दे।
सफल बोलीदाता को बेचने की अनुमति
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एनसीएलएटी ने कहा कि आईओसी ने शेयरधारिता के 100 प्रतिशत अधिग्रहण के लिए सहमति नहीं दी है, ऐसे में हमारा विचार है कि आईएलएफएंडएस को समाधान ढांचे के तहत तय प्रक्रिया के अनुसार इसे सफल बोलीदाता को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए। एनसीएलएटी ने हालांकि अपने आदेश में साफ किया कि सफल इकाई के पास परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी तकनीकी जानकारी होनी चाहिए।
प्रक्रिया 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का निर्देश
हाल ही में NCLAT ने कर्ज में डूबी आईएलएंडएफएस समूह को शेष 58 कंपनियों के लिए समाधान प्रक्रिया 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया था। NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने कहा था कि शेष 58 संस्थाओं के लिए समाधान प्रक्रिया अग्रिम चरण में है और आईएलएंडएफएस (इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज) द्वारा काफी प्रगति की गई है, जो परिसंपत्ति समाधान और अन्य तंत्रों के जरिये ऋणों का निपटान कर रही है। पीठ में एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति बरुण मित्रा शामिल हैं।