खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन का चोली गांव जिसे देवों की नगरी देवगढ़ और मिनी बंगाल भी कहा जाता है. निमाड़ अंचल में यह गांव तंत्र साधना का गढ़ माना जाता है. यहां मौजूद काल भैरव जैसा मंदिर संभवतः दुनिया में शायद ही कहीं और हो. भैरव अष्टमी के दिन यहां विशेष अनुष्ठान और विशाल भंडारे का आयोजन बीते 10 साल से हो रहा है. जबकि, रात में गुप्त रूप से कई साधक तंत्र क्रियाएं करते हैं.
जिला मुख्यालय से करीब 59 km दूर स्थित चोली गांव में तालाब किनारे मौजूद भैरव मंदिर में एक-दो नहीं बल्कि पूरे 52 भैरव हैं. बताते हैं कि यह मंदिर परमारकालीन है. लोगों के मुताबिक, यहां भगवान साक्षात मौजूद हैं. कई लोगों को दर्शन भी दिए हैं. Local 18 से बातचीत में पुजारी नारायण नाथ धनोरिया ने मंदिर से जुड़ी एक रोचक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि पहले भगवान रूप बदलकर गांव के युवाओं के साथ कबड्डी खेलते थे.
ग्रामीणों के साथ कबड्डी खेलते थे भगवान
पुजारी ने कहां, बुजुर्गों से सुनते आए हैं कि पहले गांव में युवा और बच्चे कबड्डी खेलते थे, टीम में से जो खिलाड़ी नहीं आता था, बाबा उसका रूप धारण कर उसकी जगह खेल में शामिल हो जाते थे. खेल के दौरान जिसकी पीठ पर उनका हाथ लगता, वहां सिंदूर के निशान बन जाते थे. ऐसा अक्सर गांव में होता रहता था. मंदिर की एक और खास बात है बाकी जगह काल भैरव का मंदिर कहलाता है, लेकिन यह मंदिर 52 भैरव के नाम से विख्यात है.
रात के समय तांत्रिक करते हैं क्रियाएं
पुजारी बताते हैं कि यह गांव तंत्र विद्या का गढ़ माना जाता है, इसलिए इसे मिनी बंगाल के नाम से भी जानते हैं. हालांकि, अब तांत्रिकों और साधकों की संख्या कम हो गई है, लेकिन पहले बड़ी संख्या में कई साधु, तांत्रिक यहां आते थे और जादू/करतब (तंत्र क्रियाएं) करते थे. कुछ ग्रामीणों के अनुसार, आज भी गुप्त नवरात्रि में साधु, संत, महात्मा गांव में आते हैं, सिद्धियां प्राप्त करने के लिए रात के समय गुप्त रूप से क्रियाएं करते हैं.
मनाएंगे श्री काल भैरव महोत्सव
पुजारी जगदीश पंडित बताते हैं कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना बाबा काल भैरव पूरी करते हैं. दूर-दूर से लोग माथा टेकने आते हैं. मन्नत पूरी होने पर पशु बलि भी दी जाती है. विगत 10 साल से यहां भैरव अष्टमी पर अनुष्ठान सहित भंडारे का आयोजन होता है. इस साल भी 23 नवंबर 2024 को भैरव अष्टमी पर श्री काल भैरव महोत्सव मनाया जाएगा. सुबह हवन, पूजन, श्रृंगार किया जाएगा. दोपहर 12 बजे कन्या भोज ओर विशाल भंडारा होगा.
FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 15:07 IST