वाराणसी: असि और वरुणा की दुर्दशा से जुड़े दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान एनजीटी ने काशी में गंगा जल की शुद्धता को लेकर तल्ख टिप्पणी की. कोर्ट ने डीएम से सवाल पूछा की आप गंगाजल पी सकतें है? क्यों नहीं बोर्ड लगा देते हैं कि गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य नहीं है.एनजीटी के उस टिप्पणी के बाद काशी के लोगों ने अपना जवाब सामने रखा.
Local 18 से बातचीत के दौरान बीएचयू के शोध छात्र पतंजलि पांडेय ने कहा कि वो एनजीटी के टिप्पणी पर तो कुछ नहीं कहेंगे लेकिन काशी में गंगा पहले से ज्यादा साफ हुई है ये हर काशी वासी जानता है जो गंगा किनारे रहता है.वहीं इस मुद्दे पर अधोक्षज पांडेय ने कहा कि गंगा जल की शुद्धता के लिए एनजीटी को स्थलीय निरीक्षण करके वास्तविक स्थिति को देखना चाहिए.गंगा जल पहले से शुद्ध हुआ है लेकिन इसपर निरन्तर काम करने की जरूरत सरकार को है.
बोर्ड लगाने से भावनाएं होंगी आहत
गंगा किनारे रहने वाले कुशाग्र मिश्रा ने बताया कि गंगा की सफाई हो ये अच्छी बात है लेकिन यदि गंगा किनारे ऐसा कोई बोर्ड लगाया जाता है जिसपर लिखा हो गंगा का पानी नहाने और पीने योग्य नहीं है तो इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत होंगी.क्योंकि आज भी लोग गंगा को मां मानकर इसमे स्नान करते है और गंगा जल का आचमन करते है.
प्रशासन और सरकार को उठाना चाहिए कदम
वहीं इस मुद्दे पर संतोष कश्यप ने कहा कि यदि गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है तो स्थानीय प्रशासन और सरकार को इसके निर्मलीकरण के लिए उचित कदम उठाना चाहिए जिससे किसी की भावना आहत न हो.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 16:40 IST