काजल मनोहर/ जयपुर: राजस्थान के कई शहरों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक गिर चुकी है. पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. राज्य के औद्योगिक शहरों में प्रदूषण सबसे अधिक है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के अनुसार, भिवाड़ी प्रदेश का सबसे प्रदूषित शहर है, जहां एक्यूआई 220 रिकॉर्ड किया गया है. वहीं, राजधानी जयपुर का एक्यूआई 156 है, जो अस्वास्थ्यकर वायु गुणवत्ता को दर्शाता है.
राजस्थान में प्रदूषण की स्थिति
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में अधिकांश शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब स्तर पर है. विभिन्न शहरों का एक्यूआई इस प्रकार है:
– भिवाड़ी: 220
– तिजारा: 181
– जयपुर:156
– टोंक: 202
– सीकर: 205
– चूरू: 193
– जोधपुर: 118
– उदयपुर: 121
– चित्तौड़गढ़:162
– करौली: 86
एक्यूआई के खतरनाक स्तर के प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, एक्यूआई जितना अधिक होता है, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही गंभीर होता है.
– 50 से कम का एक्यूआई: अच्छी वायु गुणवत्ता.
– 200-300 के बीच: स्वास्थ्य के लिए हानिकारक.
– 300 से अधिक: गंभीर और खतरनाक.
अधिक एक्यूआई वाले क्षेत्रों में श्वसन और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, विशेषकर संवेदनशील समूहों जैसे बच्चे, बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए.
प्रदूषण बढ़ने के कारण
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, वाहनों से निकलने वाला धुआं, तापमान में गिरावट, निर्माण कार्य, ठोस कचरे का सही निस्तारण न होना और औद्योगिक गतिविधियां प्रदूषण के मुख्य कारण हैं. दीपावली के बाद प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ गया है, जिससे वातावरण में नमी के कारण धुंध छाई हुई है.
प्रदूषण से बचाव के उपाय
– घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें ताकि धुआं अंदर न आए.
– हवा शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं.
– घर के अंदर या बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पास धूम्रपान से बचें.
– एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें.
– सार्वजनिक परिवहन, पैदल चलने या साइकिल चलाने को प्राथमिकता दें.
– कारपूलिंग का विकल्प चुनें.
– भरपूर मात्रा में पानी पिएं और नियमित योग व व्यायाम करें, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो.
प्रदूषण कम करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
राजस्थान में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर चिंता का विषय है. प्रदूषण से बचाव के लिए व्यक्तिगत उपायों के साथ-साथ सरकारी स्तर पर औद्योगिक और वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रयास आवश्यक हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ जीवन और पर्यावरण के लिए सामूहिक प्रयास ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 30, 2024, 17:45 IST