![Uttarakhand government said information recorded in UCC will not be known to any third party will ta](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि प्रदेश में हाल में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में सूचनाओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं और इसमें दर्ज कोई जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाएंगी। राज्य के गृह विभाग में अपर सचिव निवेदिता कुकरेती ने बताया कि यूसीसी में सेवाओं के पंजीकरण के समय दी जाने वाली जानकारियों तक किसी भी तीसरे व्यक्ति की पहुंच नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी के तहत होने वाले पंजीकरण की सिर्फ संख्या ही सार्वजनिक हो पाएगी, इसमें किसी की भी व्यक्तिगत जानकारी शामिल नहीं होगी।
गोपनीयता को दी जाएगी सर्वोच्च प्राथमिकता
कुकरेती ने कहा कि यूसीसी में सूचनाओं की गोपनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है और किसी भी सेवा के लिए दी जाने वाली निजी जानकारी जैसे नाम, पता, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, धर्म, जाति आदि का विवरण किसी भी स्तर पर सार्वजनिक नहीं होगा। कुकरेती ने कहा कि जिस व्यक्ति ने यूसीसी के तहत किसी सेवा के लिए आवेदन किया हो, सिर्फ वही व्यक्ति खुद या किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त आवेदन के जरिए खुद के आवेदन से संबंधित जानकारी ही मांग ही सकता है, इसके अलावा और किसी भी व्यक्ति तक सूचनाओं की पहुंच नहीं होगी।
सूचनाओं का हुआ दुरुपयोग तो आरोपी के खिलाफ होगी कार्रवाई
उनके मुताबिक, यूसीसी के तहत होने वाले पंजीकरण की जानकारी भी थाना पुलिस तक सिर्फ रिकॉर्ड के लिए भेजी जाएगी और ऐसे किसी पंजीकरण में दिए गए विवरण तक संबंधित थाना प्रभारी की पहुंच भी संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की निगरानी में ही हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी स्तर पर सूचनाओं का दुरुपयोग होता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड में 27 जनवरी को यूसीसी लागू किया गया था और ऐसा करने वाला वह स्वतंत्र भारत का पहला राज्य है। यूसीसी में विवाह, तलाक और उत्तराधिकार के साथ ही 'लिव-इन' संबंधों का पंजीकरण अनिवार्य बनाया गया है। कुछ कानूनी विशेषज्ञों द्वारा संदेह व्यक्त किया गया है कि इससे लोगों के निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा।
(इनपुट-भाषा)