महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर महायुती गठबंधन में मंथन चालू है। इधर पार्टी के विधायक भी बेसब्री से सरकार बनने की आस लगाए बैठ हैं। आज इस बारे में शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक ने बात की। प्रताप ने मुख्यमंत्री पद से लेकर अपने मंत्री बनने की इच्छा को भी व्यक्त किया। प्रताप ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने भूमिका ली है कि भारतीय जनता पार्टी जिसे भी मुख्यमंत्री बनना चाहती है वह उनका समर्थन देकर और भारतीय जनता पार्टी के फैसले के साथ खड़े रहेंगे।
'अगर सीएम हमारा नहीं तो अच्छे मंत्रालय मिलेंगे'
आगे कहा कि यह बात भी सच है कि यह चुनाव एकनाथ शिंदे जी के ही नेतृत्व में लड़ा गया था और लोगों ने उनके किए गए कामों को सराहा है और लोगों ने हमें भर भर कर वोट दिया है हमें भी उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी जीत हमें हासिल होगी लेकिन लोगों ने हम पर विश्वास रखा है। सरकार भी अच्छी चली है। मुख्यमंत्री पद पर उनका दावा होने के बावजूद भी उन्होंने अगर कह दिया है कि बीजेपी की लीडरशिप जो कहेगी वह मानेंगे, लेकिन हमें उम्मीद है कि अगर बीजेपी मुख्यमंत्री पद हमें नहीं देंगे तो हमें अच्छे मंत्रालय मिलेंगे और हमारा काम देखते हुए अभी जितने मंत्री पद अभी हैं उससे ज्यादा मंत्री पद हमें मिलेंगे लेकिन आखिरी फैसला भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लेगा और हमें उम्मीद है कि वह शिंदे पर जिस तरीके से विश्वास रखते हैं तो उनका साथ लेकर ही आगे चलेंगे।
तीनों पार्टियों के नेता बैठकर तय करेंगे
शिवसेना के विधायक ने कहा कि किसे कितना मंत्री पद मिलेगा और कौन सा मंत्रालय मिलेगा यह तीनों पार्टियों के नेता बैठकर तय करेंगे लेकिन हमें लगता है कि अगर पांच विधायक पर एक मंत्री पद मिले तो अच्छा रहेगा। श्रीकांत शिंदे पिछले तीन बार से कल्याण से सांसद रहे हैं। साथ ही पार्लियामेंट में लगातार महाराष्ट्र की प्रगति की बात करते हैं। ऐसे में अगर उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए तो बहुत अच्छा होगा और हम लोग भी यही चाहते हैं कि राज्य में एकनाथ शिंदे का नेतृत्व रहे, केंद्र में श्रीकांत शिंदे जैसे युवा चेहरे को मौका मिलना चाहिए।
राउत को सवेरे-सवेरे बोलने की आदत
प्रताप सरनाईक ने संजय राउत पर भी अपनी बात रखी और कहा कि संजय राउत को सवेरे-सवेरे बोलने की आदत है और उसके बाद दिनभर इस पर चर्चा होती है। संजय राउत की बातों को हम ज्यादातर तरजीह नहीं देते हैं। जो इतनी बड़ी जीत हासिल की है उसमें संजय राउत का भी बड़ा योगदान है। जिस तरीके से वो गलत बातें करते हैं उससे हमारा वोट परसेंटेज बढ़ता है। EVM के बारे में पार्लियामेंट इलेक्शन के बाद उन्होंने क्यों नहीं कुछ कहा था।
जितेन्द्र आव्हाड भी बहुत बातें करते हैं EVM के बारे में। 96 हज़ार से वो जीते हैं तो क्या वो भी गलत है। जब वो जीतते हैं तो EVM अच्छा है बाकी समय खराब?
मंत्री पद की लालसा
सरनाईक ने अपनी मंत्री बनने की इच्छा को भी उजागर किया और कहा कि मंत्री किसे बनाते है वो एकनाथ शिंदे तय करेंगे लेकिन मैं राज्य में सबसे ज़्यादा वोट लेकर आया हूँ और 1.8 लाख से जीत कर आया हूं। पिछले बार मैं 84 हज़ार से जीता था तब भी मुझे मंत्री के लिए कमिटमेंट की गई थी लेकिन बाद में अजित पवार के आने के बाद हो नहीं पाया लेकिन इस बार वो मुझे मंत्रिमंडल में जरूर करेंगे। मैं 4 बार का विधायक हूं। ऐसे में मैं, मेरा परिवार और कार्यकर्ता चाहते है कि मैं मंत्री बनूं लेकिन जो फैसला एकनाथ शिंदे लेंगे उसके साथ रहूंगा।