अनंत अंबानी की मुहिम रंग लाई, वंतारा की मदद से ब्राजील के जंगल होंगे गुलजार

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Last Updated:January 30, 2025, 19:53 IST

Vantara Initiative: अनंत अंबानी की मुहिम रंग लाई है. स्पिक्स मैकॉ को पुनर्स्थापित करने के लिए वंतारा और ACTP ने 41 पक्षियों को ब्राजील भेजा. साल 2022 में 20 पक्षियों को जंगल में छोड़ने के बाद यह प्रगति जारी है....और पढ़ें

अनंत अंबानी की मुहिम रंग लाई, वंतारा की मदद से ब्राजील के जंगल होंगे गुलजार

अनंत अंबानी और वंतारा के प्रयासों के चलते विलुप्‍त पक्षी स्‍पीक्‍स मैकॉ को फिर से ब्राजील पहुंचाया गया है.

जामनगर (गुजरात). स्पिक्स मैकॉ (सायनोप्सिटा स्पिक्सी) (एक ऐसी प्रजाति जिसे साल 2000 में विलुप्त घोषित किया गया था) को पुनर्स्थापित करने की यात्रा ने वंतारा के एसोसिएशन फॉर द कंजर्वेशन ऑफ थ्रेटंड पैरट्स ( एसीटीपी ) के साथ हाल ही में सहयोग से एक बड़ी छलांग लगाई है. इस पहल का उद्देश्य इन आइकॉनिक पक्षियों को ब्राजील में अपने मूल निवास स्थान में फिर से पहुंचाना है, जिसमें वंतारा के सहयोगी ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (जीजेडआरआरसी) प्रोजेक्‍ट का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

बुधवार को 41 स्पिक्स मैकॉ को बर्लिन (जर्मनी) में एसीटीपी के प्रजनन केंद्र से ब्राजील के बाहिया में एक रिलीज सेंटर में सफलतापूर्वक ट्रांसफर किया गया, यह साल 2022 में 20 स्पिक्स मैकॉ को जंगल में सफलतापूर्वक छोड़ने के बाद इस परियोजना की प्रगति की निरंतरता को दर्शाता है. इस रिलीज़ के परिणामस्वरूप 20 से अधिक सालों में पहली बार जंगल में चूजों का जन्म हुआ. इस ट्रांसफर के लिए चुने गए 41 स्पिक्स मैकॉ को उनके स्वास्थ्य और वंशावली के आधार पर चुना गया था. समूह में 23 मादा, 15 नर और तीन असंबद्ध किशोर शामिल हैं. इनमें से कुछ पक्षी इस वर्ष रिलीज के लिए तैयार किए जा रहे समूह में शामिल होंगे, जबकि अन्य प्रजातियों के दीर्घकालिक अस्तित्व को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रजनन कार्यक्रम में योगदान देंगे.

ट्रांसफर किए जाने से पहले पक्षियों को बर्लिन में ACTP के प्रजनन केंद्र में 28 दिनों से अधिक समय तक रखा गया, इस दौरान उनमें उन रोगों का परीक्षण किया गया जो ब्राजील में जंगलों के लिए खतरा पैदा कर सकते थे. 28 जनवरी को पक्षी बर्लिन से ब्राजील के पेट्रोलिना हवाई अड्डे के लिए उड़े और उसी दिन वहां पहुंच गए. आगमन पर पक्षियों को ब्राजील में एक सुविधा केंद्र में ले जाया गया. यहां दो पशु चिकित्सक, ACTP से एक रखवाला और वंतारा के GZRRC की एक विशेषज्ञ टीम शामिल थी. पक्षियों के तेज और सुरक्षित आगमन को सुनिश्चित करने के लिए परिवहन और सीमा शुल्क निकासी के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी. ACTP के संस्थापक मार्टिन गुथ ने परियोजना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए वंतारा के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, ‘एसीटीपी की ओर से हम स्पिक्स मैकॉ रीइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए अनंत अंबानी और वंतारा के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं.’

मार्टिन गुथ ने आगे कहा, ‘उनके उदार वित्तीय समर्थन के अलावा वंतारा ने हमारे साथ जो विशेषज्ञता साझा की है, वह इस विलुप्त जंगली प्रजाति के सफल प्रजनन में अमूल्य रही है. जैव विविधता बहाली और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए वंतारा का अटूट समर्पण इस पहल की सफलता के लिए महत्वपूर्ण रहा है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘यह साझेदारी एक साझा दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की शक्ति का उदाहरण है और हमें उम्मीद है कि यह दुनिया भर में संरक्षण प्रयासों को प्रेरित करेगी. हम वंतारा के साथ साझेदारी में अधिक से अधिक लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने के लिए अपना काम जारी रखने के लिए तत्पर हैं.’ हॉलीवुड फिल्म रियो द्वारा प्रसिद्ध स्पिक्स मैकॉ अब वैश्विक संरक्षण प्रयास के केंद्र में है, जिसमें वंतारा के GZRRC, ACTP जैसे निजी संगठन शामिल हैं. साल 2019 से प्रजातियों को बहाल करने के प्रयासों को ब्राज़ील में एक समर्पित रिलीज़ सेंटर की स्थापना द्वारा समर्थित किया गया है, जिसने जर्मनी और बेल्जियम से ब्राज़ील तक पक्षियों के ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा प्रदान की है. साल 2022 में 20 स्पिक्स मैकॉ को जंगल में छोड़ने के साथ रीइंट्रोडक्‍शन प्रोग्राम में प्रगति जारी है. इस प्रयास से दो दशकों में पहली बार जंगली चूजों का जन्म हुआ.

इन प्रयासों की सफलता एक समृद्ध जंगली आबादी की स्थापना सुनिश्चित करने के लिए वार्षिक रिलीज के महत्व को रेखांकित करती है. इस कार्यक्रम के हिस्से के रूप में रिलीज प्रयासों का समर्थन करने के लिए नए पक्षियों को प्राप्त करना जारी रखना महत्वपूर्ण है. वंतारा की वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता स्पिक्स मैकॉ से आगे तक फैली हुई है. संगठन भारत की विविध वन्यजीव विरासत को बहाल करने के लिए भी समर्पित है, जिसमें सुरक्षित आवासों में कैद में पाले गए गैंडों को फिर से लाना, एशियाई शेरों की आबादी को बढ़ाना और सफल प्रजनन कार्यक्रम के बाद भारतीय जंगलों में चीतों की वापसी की दिशा में काम करना शामिल है.

(डिस्क्लेमर: नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)

Location :

Jamnagar,Gujarat

First Published :

January 30, 2025, 19:53 IST

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