पटना. बिहार को साल 2047 तक विकसित राज्य बनाने की कवायद अब जोड़ पकड़ने लगी है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया प्रयासों से तो कम से कम यही झलक रहा है. पीएम मोदी का बिहार में एक के बाद एक योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करना इसी ओर इशारा कर रहा है. बिहार में इस समय उद्योग, शिक्षा, रोजगार, कृषि, खेल और स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हो रहे हैं, जो शायद बीते 100 सालों में कभी नहीं हुए थे. राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन, अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘पुष्पा -2’ का पटना में लॉन्चिंग बदलते बिहार की गवाही दे रहा है. ऐसे में लोग चर्चा करने लगे हैं कि साल 2047 तक बिहार भी महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों की श्रेणी में पहुंचने वाला है. सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी की डबल इंजन की सरकार बिहार को सैकड़ों साल के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए अब कदम से कदम मिलाने लगे हैं.
साल 2047 तक पीएम मोदी ने भारत को डेवलप कंट्री बनाने का लक्ष्य तय कर रखा है. हालांकि, बिहार के विकास के बिना भी पीएम मोदी का यह लक्ष्य 2047 तक हासिल हो सकता है. लेकिन, पीएम मोदी के इस प्रयास और उपलब्धि की चमक फीकी न पड़ जाए, इसलिए अब बिहार ने भी विजन-2047 पर काम करना शुरू कर दिया है. इसके संकेत भी मिलने लगे हैं.
नीति आयोग की रिपोर्ट की मानें तो बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है.
क्या मोदी-नीतीश की जोड़ी बिहार को अभिशाप से मुक्ति दिलाएगी?
वहीं, नीति आयोग की रिपोर्ट की मानें तो बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है. इस वजह से बिहार लंबे समय से बिशेष राज्य की दर्जा देने की मांग करता रहा है. लेकिन, अभी तक बिहार को स्पेशल स्टेटस का दर्जा नहीं मिला है. हां, स्पेशल स्टेटस के बदले बीच-बीच में बिहार को स्पेशल पैकेज का थोड़ा-बहुत जरूर मिल जाता है. लेकिन यह बिहार की गरीबी को देखते हुए नाकाफी होता है.
बिहार में योजनाओं की लग गई झड़ी
लेकिन, सीएम नीतीश कुमार के दोबारा एनडीए में आने के बाद अब शिक्षा, रोजगार, कृषि, खेल, सड़क और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में लगतार काम हो रहे हैं, उससे तो कम से कम यही लग रहा है कि बिहार की तकदीर बदलने वाली है. पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते 13 नवंबर को ही दरभंगा एम्स के शिलान्यास कार्यक्रम में बिहार में 12,000 करोड़ रुपए की लागत से कई प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इसमें रोड, रेल और गैस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कई सारे प्रोजेक्ट्स थे. इस साल के आम बजट में भी बिहार को तकरीबन 58,900 करोड़ रुपये मिले हैं. मोदी सरकार ने राज्य की बुनियादी ढांचे, औद्योगिक कॉरिडोर, कोसी विकास से जुड़े पैकेज की सौगातें दी थी.
बिहार में अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल प्रतियोगिता होने भी शुरू हो गए हैं.
स्पेशल स्टेटस नहीं स्पेशल पैकेज की भरमार
बीते आम बजट में बिहार को बाढ़ से निपटने के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया गया था. इसके साथ ही नई सड़क, पुल और पुलिया के लिए 26 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए. पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे और पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपये की लागत से 2400 मेगावाट का एक पावर प्रोजेक्ट भी लगाने का प्रावधान पिछले बजट में था.
विकसित देश कैसे कोई बनता है?
भारत को विकसित देश बनने के लिए 9 फीसदी विकास दर हासिल करने की जरूरत है. इसके लिए कृषि, बुनियादी ढांचा, शिक्षा, रोजगार, उद्योग, सेवा क्षेत्र, व्यापार, स्टार्टअप, हरित ऊर्जा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिलाओं का उत्थान, गरीबी में कमी लाने, संतुलित क्षेत्रीय विकास और प्रभावी न्याय व्यवस्था जैसे विषयों पर काम शुरू हो गया है. लेकिन, बिहार जैसे राज्यों में अभी भी विकास के लिए कई चुनौतियां खड़ी हैं. बिहार में औद्योगिकरण, रोजगार, स्वास्थ्य, खेल और शिक्षा व्यवस्था देश के दूसरे राज्यों की तुलना में उपेक्षित है.
‘बिहार में सोशल इकॉनोमिक ट्रांसफोर्मेशन के बिना कोई बड़ा बदलाव की उम्मीद न करें’
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री
बिहार के जानेमाने अर्थशास्त्री और आर्थिक मामलों के जानकार नवल किशोर चौधरी कहते हैं, ‘बिहार में सोशल इकॉनोमिक ट्रांसफोर्मेशन के बिना कोई बड़ा बदलाव की उम्मीद न करें. बिहार में अभी भी लगभग 34-35 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर कर रह रहे हैं. 5 साल से कम उम्र के 40 प्रतिशत बच्चे अभी भी कुपोषण के शिकार होते हैं. बिहार को डेवलप स्टेट बनाने के लिए जातिवाद, धर्म और समुदाय के बंधनों से बाहर निकलना पड़ेगा. बिहार में जो दूरियां बन गई हैं, उन दूरियों को मिटाने के बिना बिहार की आर्थिक स्थिति नहीं सुधरेगी और न ही बिहार साल 2047 तक विकसित राज्य बनेगा. विहार को डेवलप स्टेट बनना है तो व्यवसाय, खेल, शिक्षा, कला और उद्यमिता के क्षेत्रों में भी सरकार को फोकस करना होगा.’
बिहार तैयार कर रहा 20 साल का रोडमैप
आपको बता दें कि हाल ही में नीतीश सरकार ने मिशन 2047 पर काम करना शुरू कर दिया है. बिहार सरकार विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार कर रही है. इस डॉक्यूमेंट में राज्य के हर जिले की भविष्य की योजनाओं का खाका तैयार करने का प्लान है. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य के नए मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने इस डॉक्यूमेंट को बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है. यह विजन डॉक्यूमेंट अगले 20 सालों के विकास का रोडमैप होगा.
पिछले आम बजट में भी बिहार को विशेष पैकेज मिला है. बिहार में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री बिहार के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं. इस रोडमैप के लिए बिहार की जनता से भी फीड बैक लिया जाएगा. बिहार में केंद्र की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए ब्लॉक स्तर से लेकर जिला और फिर राज्य स्तर के अधिकारियों की राय को इस विजन डॉक्यूमेंट में जगह मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 16:08 IST