साइकिल पथ पर मौजूद बंदर.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में ग्वारी चौराहे से हुसड़िया चौराहे की ओर एक रास्ता जाता है. यहां जाने वाले रास्ते के साइकिल पथ पर 100 से अधिक बंदरों का एक बड़ा झुंड रहता है. यहां बंदर काफी उछल कूद और धमा चौकड़ी मचाते रहते हैं. यहां इनके खाने के भी सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. जैसे की आम, अमरूद, जामुन, मीठी नीम, अमलतास के फल आदि.
बंदरों के रहने की है सुविधा
बता दें कि इस रास्ते से गुजरने वाले पथिक और यहां रहने वाले लोग इन बंदरों को लाई और चना खिलाते हैं. इसके साथ ही साथ यहां इन बंदरों के रहने की अच्छी सुविधा है. ऐसे में यहीं पर बंदर रहते हैं, जिससे यहां इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आपको बता दें कि यहां शुरुआत में इस जगह पर 3 से 4 बंदर रहा करते थे.
राधेश्याम करते थे बंदरों की सेवा
यहां इस इलाके में रहने वाले लोग बताते हैं कि यहां पर एक मदारी राधेश्याम हुआ करता, जिनकी तीन साल पहले मृत्यु हो चुकी है. वह बंदरों को पालने का काम करते थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद इन बंदरों को कोई पालने वाला जब नहीं बचा तो यह बंदर बेघर हो गए. इसके बाद इन बंदरों ने गोमती नगर की यह जगह कभी नहीं छोड़ी. इन बंदरों की संख्या शुरुआत में 2 से 4 के लगभग थी, लेकिन वर्तमान समय में इन बंदरों की संख्या लगभग 100 हो चुकी है.
इसका दूसरा कारण यह भी रहा है कि यहां उनके गुजर-बसर के लिए अनुकूल वातावरण के साथ-साथ खाने-पीने का सामान और रहने के लिए पेड़-पौधों का उपलब्ध होना है. यहां मौजूद पेड़ों की बहुतायत संख्या बंदरों को बहुत पसंद है, जिससे यह बंदर यहां अपने बच्चों के साथ बहुत आराम से रहते हैं.
स्थानीय लोग करते हैं बंदरों की सेवा
यहां इस इलाके के वासी भी बंदरों के लिए खाने-पीने के समान डाल जाते हैं, जिससे बंदरों को अपना पेट आसानी से भरने में मदद मिल जाती है. इस मोहल्ले के आसपास रहने वाले लोग बताते हैं कि इन बंदरों ने कभी किसी को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचाया है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 07:51 IST