नितिन शर्मा.
अलवर. भिवाड़ी की पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी की लोकेशन ट्रेस करने के मामले में सस्पेंड चल रहे 5 और पुलिसकर्मियों को बहाल कर दिया गया है. इससे पहले 1 पुलिसकर्मी बहाल किया जा चुका है. इस मामले में अब तक कुल 6 पुलिसकर्मी बहाल हो चुके हैं. मामले के मुख्य आरोपी साइबर सेल के प्रभारी सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी को अभी सस्पेंड रखा गया है. विभाग की ओर से जिन पुलिसकर्मियों को बहाल किया गया है उन सभी पर एसपी की लोकेशन ट्रेस करने के मामले को दबाकर रखने का आरोप था.
जयपुर रेंज आईजी अजयपाल लांबा ने बताया मामले की प्रारंभिक जांच करवाई गई थी. उसके बाद हेड कांस्टेबल अवनेश कुमार, कांस्टेबल राहुल, सतीश, दीपक और रोहताश को बहाल कर दिया गया है. इन पुलिसकर्मियों को 17 सीसीए का नोटिस देकर बहाल किया गया है. मुख्य आरोपी सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी को अभी सस्पेंड रखा गया है. उसे 16 सीसीए का नोटिस दिया गया है. जांच में लोकेशन ट्रेस को लेकर कोई गंभीर उद्देश्य सामने नहीं आया है. पुलिसकर्मी जोशी के इशारे पर काम कर रहे थे. जोशी घर जल्दी जाना चाहता था इसलिए उसने एसपी की लोकेशन निकलवाई थी. फिलहाल मामले की और जांच की जा रही है.
साइबर सेल इंचार्ज ने सबूत मिटाने के किए प्रयास
इस मामले की जांच डीएसपी शिवराज सिंह को सौंपी गई थी. जांच में सामने आया सिर्फ एसपी ही नहीं कई पुलिस अफसरों की लोकेशन ट्रेस की जा रही थी. एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी की एक या दो बार नहीं बल्कि 16 बार लोकेशन ट्रेस की गई. दिन-रात उनके पर्सनल और ऑफिशियल मोबाइल नंबर को मॉनिटर किया जा रहा था. मामला खुलने के बाद साइबर सेल इंचार्ज श्रवण जोशी ने सबूत मिटाने का भी काम किया. जांच की जानकारी मिलते ही श्रवण जोशी ने लोकेशन जानने के लिए साइबर पोर्टल को भेजे व्हाट्सऐप मैसेज को डिलीट कर दिया था. इन्वेस्टिगेशन में पकड़े जाने से बचने के लिए ई-सिम को फिजिकल सिम में बदल दिया.
कांस्टेबल के मोबाइल का स्क्रीनशॉट मिला है
उसके बाद उसके व्हाट्सऐप को वापस इंस्टॉल किया गया. जांच के दौरान जोशी ने डीएसपी को बताया कि वह जल्दी घर जाना चाहता था. इसलिए एसपी की लोकेशन ट्रेस कर रहा था. जांच अधिकारी को एक अन्य कांस्टेबल के मोबाइल का स्क्रीनशॉट मिला है. इसमें श्रवण जोशी ने उससे एसपी के मोबाइल नंबर की लोकेशन लेने के लिए कहा था. इसके बाद कॉन्स्टेबल ने लोकेशन निकालकर श्रवण जोशी को वापस व्हाट्सऐप मैसेज किया है. उसे सबूत के तौर पर रखा गया है.
एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी को मिला था इनपुट
उल्लेखनीय है कि भिवाड़ी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी को बीते 2 अक्टूबर को एक इनपुट मिला था कि साइबर सेल में उनके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की जा रही है. इसके बाद उन्होंने जांच की तो सामने आया कि साइबर सेल का इंचार्ज सब इंस्पेक्टर श्रवण जोशी उनके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर रहा था. इस मामले में साइबर सेल के 6 अन्य पुलिसकर्मियों की भी भूमिका पाई गई थी. ये सभी जोशी के अधीन ही काम करते थे. इस पर एसपी ने 7 अक्टूबर को साइबर सेल के इंचार्ज एसआई श्रवण जोशी, हेड कांस्टेबल अवनेश कुमार, कांस्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, भीम और रोहतास को सस्पेंड कर दिया था.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 13:49 IST