Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:February 01, 2025, 11:34 IST
देवी अहिल्या बाई होलकर के जीवन चरित्र पर खरगोन जिला प्रशासन द्वारा एक पुस्तक " इतिहास का स्वर्णिम अध्याय पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई का यशस्वी जीवन" प्रकाशित की गई है.
निमाड़ी साहित्यकार हरीश दुबे.
हाइलाइट्स
- अहिल्या बाई होलकर पर पुस्तक का विमोचन हुआ.
- पुस्तक का लेखन हरीश दुबे ने किया है.
- पुस्तक सरकारी स्कूलों में छात्रों को पढ़ाई जाएगी.
खरगोन. देवी अहिल्या बाई होलकर की 300वीं जन्म जयंती पर देशभर में अनेकों कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. इसी उपलक्ष में उनके जीवन चरित्र पर खरगोन जिला प्रशासन द्वारा एक पुस्तक ” इतिहास का स्वर्णिम अध्याय पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई का यशस्वी जीवन” भी प्रकाशित की गई है. इसका विमोचन 24 जनवरी 2025 को मंडलेश्वर आमसभ के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया है, जो आने वाले समय में खरगोन सहित प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में बच्चों तक पहुंचाई जाएगी. इससे वह अहिल्या बाई के संघर्ष और योगदान से रूबरू हो सकेंगे. इस पुस्तक का लेखन साहित्यकार हरीश दुबे ने किया है.
महेश्वर निवासी निमाड़ी तथा हिंदी साहित्यकार एवं लेखक हरीश दुबे ने लोकल 18 से चर्चा में बताया कि, इस पुस्तक में उन्होंने अहिल्या बाई होलकर के संघर्ष और प्रेरणा दायक कार्यों को संक्षिप्त रूप में लिखा है. इस पुस्तक को प्रकाशित करने के पीछे जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि स्कूली विद्यार्थी, खासकर कक्षा 12वीं के छात्र-छात्राएं पढ़े. साथ ही जानें कि मालवा-निमाड़ की संवेदनशील, परोपकारी महारानी अहिल्या बाई ने किन परिस्थितियों में देशभर में कार्य किए, लोगों की सेवा की.
पुस्तक में शामिल है अहिल्या बाई गीत
इस पुस्तक में अहिल्या बाई होलकर के कई प्रेरणा स्रोत प्रसंग़ और गीत शामिल है. यह गीत कई बड़े मंचों पर गाएं जा चुके हैं. अहिल्या बाई की आरती भी इस पुस्तक में पढ़ने को मिलेगी. पुस्तक में प्रकाशित एक प्रमुख गीत की कुछ लाइन भी हरीश दुबे ने सुनाई है, जो इस प्रकार है.
‘मां अहिल्या देवी है अवतार है।चारों और उनकी ही जय जय कार है।।लोग मंगल गीत उनके गा रहे।उन्हीं के दीपक जलाए जा रहे।।पुण्य की साकार प्रतिमा में बनीम।हम सभी आशीष उनसे पा रहे।।ज्ञान गौरव से भरा भंडार है।मां अहिल्या देवी है अवतार है।।’
अहिल्या बाई की आरती की लाइनें
जय अहिल्या माता, देवी है अहिल्या माता।महिमा मंगलकारी, दर्शन सुख दाता।।कांतिमय, करुणामय, कुलमणि कल्याणी।मंदिर घाट शिवालय, वैभव गुण गाता।। जय अहिल्या..
अहिल्या चालीसा की भी रचना
बता दें कि, हरीश दुबे ने ऐसे सैकड़ों गीतों की रचना की है. उनके द्वारा रचित अहिल्या चालीसा यूट्यूब पर भी उपलब्ध है. जिसे निमाड़ अंचल की लोकप्रिय गायिका वैशाली सेन एवं विशाल कोचले ने आवाज दी है. इसका अंतरराष्ट्रीय प्रसारण महेश्वर स्थित राजवाड़ा परिसर से किया गया था. उन्होंने अपने इस सफर में गीत, गजल और कविताओं को प्राथमिकता दी है. साथ ही अनेकों पुस्तकों की रचना की है. उनके लिखें गीतों को विश्व प्रसिद्ध गायक अनूप जलोटा, कथाकार रमेश ओझा आदि ने स्वर दिया है.
राज्य स्तर पर मिला है पुरस्कार
इसके अलावा निमाड़ी लोक संस्कृति पर आधारित गीतों की रचना भी हदीश दुबे ने निमाड़ी बोली और हिंदी भाषा में की है. वर्ष 2021 में उन्हें मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्थानीय बोली और साहित्य के क्षेत्र में राज्य स्तर पर पुरस्कृत भी किया जा चुका है. यह पुरस्कार उन्हें \”दियो बनायों कुम्हार न\” नामक किताब जिसमें निमाड़ी गीतों का समावेश था, पर 51000 रूपये की राशि से यह संत सिंगाजी पुरस्कार दिया गया था.
विलुप्त संस्कृति को फिर जीवित करने में जुटे
निमाड़ की विलुप्त संस्कृति, लोक कलाओं को जीवित रखने के लिए भी वह कई वर्षों से कार्य कर रहे है. हदीश दुबे बताते है कि, यह सिर्फ निमाड़ में नहीं अपितु पूरे विश्व में लिए चुनौती है. क्योंकि, सभी जगह की लोक बोलियों पर खतरा मंडरा रहा है. लो अंग्रेजी या हिंदी बोलना ज्यादा पसंद करते है. इसलिए अखिल निमाड़ लोक परिषद मध्य प्रदेश के माध्यम से वह लोगों को अपनी बोली, संस्कृति और लोक कलाओं से जोड़ने के लिए कार्य कर रही है.
विश्वभर के तीन हजार कलाकार जुड़े
वर्तमान में हदीश दुबे इस संस्था के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि, वर्ष 2002 से लगातार निमाड़ी क्षेत्र की विभिन्न विद्याओं से जुड़े कलाकारों को संस्था द्वारा सम्मानित किया जाता है. बीते वर्ष भी 22 विधाओं से जुड़े कलाकारों को सम्मानित किया गया था. उनकी इस संस्था से विश्वभर में फैले 3 हजार से ज्यादा कलाकार जुड़े हैं, जो निमाड़ी भाषा में साहित्य का लेखन, गीतों कविताओं की रचना, लोक कलाओं आदि विधाओं से जुड़कर कार्य कर रहे हैं.
Location :
Khargone,Madhya Pradesh
First Published :
February 01, 2025, 11:34 IST
अहिल्या बाई के संघर्ष और योगदान से रूबरू होंगे छात्र,इस पुस्तक में है बहुत कुछ