Agency:News18 Uttar Pradesh
Last Updated:February 12, 2025, 20:14 IST
आजमगढ़ जिले में एक ऐतिहासिक गुरुद्वारा स्थित है जहां गुरु नानक देव ने 1505 में अपने पवित्र कदम रखे थे. ये सिख और हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है. नानक शाही ईंटों से बने इस गुरुद्वारे में स...और पढ़ें
विट्ठल घाट गुरुद्वारा आजमगढ़.
हाइलाइट्स
- गुरु नानक देव ने 1505 में आजमगढ़ गुरुद्वारे में कदम रखे थे.
- गुरुद्वारा नानक शाही ईंटों से बना है, 1999 में जीर्णोद्धार हुआ.
- यह सिख और हिंदू समुदाय के लिए महत्वपूर्ण आस्था का केंद्र है.
आजमगढ़: जिले में कई ऐसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं, जो सांप्रदायिक एकता की भावना को आज भी जीवित रखते हैं. इन्हीं स्थानों में से एक है आजमगढ़ का प्राचीन गुरुद्वारा, जहां गुरु नानक देव ने अपने पवित्र कदम रखे थे और संगत भी की थी. आजमगढ़ शहर के विट्ठल घाट पर स्थित इस पवित्र विट्ठल घाट गुरुद्वारे में गुरु नानक देव अपनी चारों उदासीन यात्राओं के दौरान पहुंचे थे.
गुरुद्वारे के सेवादार गुरुप्रीत सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि साल 1505 में अयोध्या से काशी की यात्रा के दौरान सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव जी आजमगढ़ पहुंचे थे और उन्होंने यहां संगत की थी. इसके साथ ही उन्होंने सर्वधर्म समभाव का संदेश भी दिया. बताया कि इस गुरुद्वारे का निर्माण नानक शाही (लखौरी ईंट) से हुआ है, जो यह बताता है कि इस गुरुद्वारे का निर्माण मुगलकाल में हुआ था.
सिख और हिंदू धर्म की आस्था का केंद्र
500 वर्ष से अधिक पुराने इस गुरुद्वारे में समय-समय पर संगत और कीर्तन का आयोजन किया जाता है. गुरु नानक जयंती और अन्य सिख पर्वों के दौरान यह गुरुद्वारा सिख आस्था का प्रमुख केंद्र होता है, जहां आसपास के क्षेत्र के साथ-साथ दूर-दराज से भी सिख समुदाय के लोग संगत और कीर्तन करने के लिए आते हैं. यह प्राचीन गुरुद्वारा न केवल आजमगढ़, बल्कि आसपास के क्षेत्र का सबसे पुराना और पवित्र धार्मिक स्थल है.
1999 में हुआ जीर्णोद्धार
गुरुद्वारे के सेवादार गुरप्रीत सिंह ने बताया कि इस प्राचीन गुरुद्वारे का जीर्णोद्धार 1999 में सेवादारों और आसपास के लोगों के सहयोग से किया गया. उन्होंने यह भी बताया कि इस गुरुद्वारे का महत्व सिख समुदाय के साथ-साथ हिंदू समुदाय में भी है, जो यहां अपनी मनोकामनाओं के लिए संगत और अरदास करते हैं और गुरु नानक देव उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. हालांकि, इस पवित्र स्थल के आसपास का क्षेत्र आज भी विकास की राह निहार रहा है.
Location :
Azamgarh,Uttar Pradesh
First Published :
February 12, 2025, 20:13 IST