आजमगढ़: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ सहित कई अन्य जिलों में सैनिक स्कूल खोलने की तैयारी जोरों पर है. सैनिक स्कूलों को खोले जाने की मांग काफी समय से चल रही थी जिसको लेकर शासन द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. जिले में पीपीपी मॉडल पर सैनिक स्कूल खोला जाना है. शासन के निर्देश पर आजमगढ़ मंडल के लिए इंटर कॉलेज तक के सैनिक स्कूलों की मंजूरी दी गई है.
इस स्कूल को किया जाएगा सैनिक स्कूल में परिवर्तित
शासन के निर्देशानुसार आजमगढ़ और बलिया से दो इंटर कॉलेज की सूची भेजी गई थी. हालांकि, बलिया के दो और आजमगढ़ के एक इंटर कॉलेज की सूची वापस कर दी गई है. आजमगढ़ के हरबंशपुर स्थित चिल्ड्रन गर्ल्स इंटर कॉलेज के नाम के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. जिसके लिए रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है. रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद ही सैनिक स्कूल खोलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
शासन की तरफ से मिलेगी छूट
शासन की तरफ से प्रस्ताव है कि राजकीय माध्यमिक स्कूलों और शासकीय सहायता प्राप्त (ऐडेड) माध्यमिक विद्यालयों और निजी और एनजीओ के माध्यम से चलाए जा रहे स्कूलों को सैनिक स्कूलों में परिवर्तित किया जाए या फिर नए स्कूल खोले जाएं. इन विद्यालयों को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने यहां पर विद्यालय में एक अलग भवन बनाकर और पहले से चल रहे स्कूल का संसाधन प्रयोग कर इसे चलाया जाएगा. इसके अलावा नया सैनिक स्कूल यदि कोई शैक्षिक संस्थान खोलना चाहता है तो उसे शासन स्तर से छूट दी जाएगी.
1961 में शुरू की गई थी सैनिक स्कूल की योजना
संयुक्त शिक्षा निदेशक दिनेश सिंह ने बताया कि बलिया और आजमगढ़ से डीआईओएस के माध्यम से दो इंटर कॉलेज का प्रस्ताव भेजा गया था. आजमगढ़ के चिल्ड्रन गर्ल इंटर कॉलेज हरबंशपुर को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. गौरतलब है कि सैनिक स्कूलों की स्थापना की योजना 1961 में शुरू की गई थी. इसका प्राथमिक उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिए शैक्षणिक शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना है.
सैनिक स्कूल खोलने के पीछे कई उद्देश्य होते हैं जैसे भारत की विविध जनसंख्या में से सभी के लिए सेवा में जगह उपलब्ध कराना. बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाना. ग्रामीण इलाकों में बच्चों को अच्छी शिक्षा देना. बच्चों में अनुशासन, शारीरिक फिटनेस, नेतृत्व कौशल और देशभक्ति की भावना पैदा करना जैसे उद्देश्य के साथ सैनिक स्कूलों का संचालन किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 16, 2024, 22:54 IST