हाइलाइट्स
आखिर नीतीश ने ढाह दिया लालू का किला, बेलागंज से सुरेंद्र यादव के बेटे की हार.अपने ही गढ़ बेलागंज विधानसभा सीट पर हार गई आरजेडी, मनोरमा देवी की जीत.
गया. बिहार में विधानसभा उपचुनाव लेकर को लेकर बड़ी खबर गया के बेलागंज विधानसभा सीट से है. यहां राजद के प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह उर्फ विश्वनाथ यादव चुनाव हार गए हैं. उन्हें एनडीए की उम्मीदवार मनोरमा देवी ने हरा दिया है. हालांकि जीत की अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अपनी हार के बारे में अपनी हार के बाद राजद प्रत्याशी मतगणना केंद्र से बाहर निकल गए हैं. विश्वनाथ सिंह ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा हम हार की समीक्षा करेंगे.
विश्वानथ यादव ने कहा कि हमारे वोटर कुछ मिस गाइड हो गए और अपने लोगों से नाराज हो गए, हम उन्हें मना लेंगे. उन्होंने कहा कि पब्लिक कमेंट मैंडेट है और इसको स्वीकार करना पड़ेगा. विश्वनाथ सिंह ने कहा कि हम अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठेंगे और हार की समीक्षा करेंगे. राजद प्रत्याशी ने कहा कि पहली बार चुनाव लड़ा हूं मेरे पास कोई कुछ भी खोने के लिए नहीं था. यह संगठन का कार्य था, जहां संगठन मजबूती से अपनी लड़ाई ईमानदारी से लड़ता है वहां जीत होती है, लेकिन जहां कमजोर पड़ते हैं वहां हार होती है.
सात बार जीते थे सुरेंद्र यादव
बता दें कि गया जिले की बेलागंज सीट पर लालू यादव के करीबी कहे जाने वाले आरजेडी के सुरेंद्र यादव सात बार विधायक रह चुके हैं और कई बार मंत्री भी रह चुके हैं. उनके 2024 में जहानाबाद से सांसद चुने जाने के बाद यह सीट खाली हुई थी. इस सीट पर उनके बेटे विश्वनाथ यादव ने चुनावी लड़ाई लड़ी थी. यहां आरजेडी की हार का जो सबसे बड़ा फैक्टर उभरकर आया है वह जनसुराज पार्टी का है.
जन सुराज ने बिगाड़ा खेल
दरअसल, यहां प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कारण मुस्लिम यादव गठजोड़ यानी माय समीकरण टूटा. कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर परिवारवाद को प्रश्रय देना भी राजद के लिए थोड़ा झटका देने वाला रहा. जनसुराज के मोहम्मद अमजद के मुस्लिम मतों में बिखराव और एनडीए का भी यादव कैंडिडेट का होना राजद के लिए नुकसानदेह रहा.
नीतीश की नीति कर गई काम
वहीं, नीतीश कुमार ने यहां जेडीयू की ओर से एक यादव कैंडिडेट को चुनावी मैदान में उतारा वह भी एक महिला. जाहिर तौर पर नीतीश कुमार का यह मास्टरस्ट्रोक जमीन पर काम कर गया. एक ओर बाहुबली की छवि वाले सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव तो दूसरी ओर जेडीयू की महिला कैंडिडेट. नर्म स्वभाव की मनोरमा देवी पर जनता ने विश्वास जताया.
राजद के समीकरण पर निशाना
नीतीश कुमार ने यहां मास्टरस्ट्रोक खोलते हुए यादव-मुस्लिम समीकरण वाले इलाके में जेडीयू से यादव कैंडिडेट मैदान में उतार दिया. इससे यादव मतों में बिखराव हुआ. जनसुराज के कारण मुस्लिम वोटर जहां राजद से अलग हुए वहीं खुद यहां अपने कैंडिडेट के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे. एनडीए से यादव कैंडिडेट का होना राजद के लिए नुकसानदेह रहा.
नीतीश का चेहरा भी था सामने
नीतीश कुमार ने खुद यहां प्रचार किया था जिसका असर जमीन पर भी दिखा. बार-बार जंगलराज की याद दिलाना भी लोगों के जेहन में उतर गया. हालांकि, लालू प्रसाद यादव ने भी राजद के कैंडिडेट के लिए चुनावी सभा की थी, लेकिन उसमें भी हुल्लड़बाजी हो गई थी और किन्नरों ने जमकर हंगामा काटा था. इसका भी थोड़ा असर पड़ा हो सकता है.
Tags: Bihar politics, Gaya news
FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 13:13 IST