गोल्ड मैडल जीतना ही अब बन गया है एक मात्र सपना : अजीत सिंह यादव
रजत कुमार / इटावा: अंतर्राष्ट्रीय पैरा एथलीट अजीत सिंह यादव का कहना है कि भले ही वह पैरालंपिक 2024 में भारत को गोल्ड मेडल नहीं दिला सके, लेकिन 2025 में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतना उनका एकमात्र सपना है. पेरिस में आयोजित पैरालंपिक 2024 में भाला फेंक प्रतियोगिता में मेडल जीतकर अपने गृह जिले इटावा लौटने पर उनका भव्य स्वागत किया गया. भरथना में आयोजित स्वागत समारोह में पूर्व राज्य मंत्री, नगर पालिका अध्यक्ष, और विभिन्न समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया.
अजीत सिंह यादव ने सम्मान समारोह के दौरान कहा कि वह 2025 में भारत में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश को गोल्ड मेडल दिलाने की पूरी तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के लिए मेडल जीतना मेरे लिए गर्व की बात है, और जब गांव में सम्मान मिलता है, तो दिल खुश हो जाता है. उन्होंने अपने क्षेत्र के युवाओं को खेलों में रुचि लेने और पैरा एथलेटिक्स में भाग लेने के लिए प्रेरित किया.
युवाओं के लिए संदेश
अजीत ने युवाओं को संदेश दिया कि जो भी आपका सपना हो, उसे पूरे आत्मविश्वास और शिद्दत के साथ पूरा करें. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार, कोच और सरकार को दिया.
अजीत का प्रेरणादायक सफर
अजीत सिंह यादव का सफर बेहद प्रेरणादायक है. उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के एक छोटे गांव से निकलकर उन्होंने विश्वभर में भारत का नाम रौशन किया है. 5 सितंबर 1993 को जन्मे अजीत, 2017 तक एक सामान्य जीवन जी रहे थे, लेकिन एक हादसे में अपने दोस्त की जान बचाने के प्रयास में उन्होंने अपना बायां हाथ खो दिया.
दुबई में जीता कांस्य पदक
इसके बाद, सिर्फ चार महीने में उन्होंने 2018 में हरियाणा के पंचकूला में आयोजित पैरा एथलेटिक्स जूनियर नेशनल में भाग लेकर अपने एथलेटिक्स करियर की शुरुआत की. 2019 में, उन्होंने बीजिंग में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीता और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसके बाद दुबई में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता.\
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परिवार को गर्व
अजीत की सफलता से उनके परिवार के सदस्य बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं. उनके दादा सालिगराम यादव, पिता सुभाष चंद्र यादव और अन्य परिजनों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.
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FIRST PUBLISHED :
September 29, 2024, 16:32 IST