पेयजल परियोजना बनी राहत के बदले आफत.
देहरादून. उत्तराखंड के देहरादून जिले के विकासनगर स्थित कुछ ग्रामीणों इलाकों में पेरी अर्बन पेयजल योजना के तहत लगे पानी के कनेक्शन आफत बन गए हैं. पहले के मुकाबले ग्रामीणों का पानी का बिल पांच गुना से भी अधिक आ रहा है. आलम यह है कि कुछ ग्रामीणों के बिल 3000 रुपये से लेकर 18000 रुपये तक आ गए हैं. ये बिल मात्र दो माह (जून और जुलाई) के हैं. बदामावाला की रहने वालीं शकुंतला उनियाल ने कहा कि घर में मैं अकेली रहती हूं और मेरा ही बिल 3,681 रुपये आ रहा है. यह मात्र जून और जुलाई माह का है. अभी तो अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर माह के बिल आने बाकी हैं. मेरे घर पर 500 लीटर की टंकी लगी है, जिसका पानी एक हफ्ते तक चलता है. आप ही अंदाजा लगाएं कि दो माह में मेरे यहां कितने ही पानी इस्तेमाल हो रहा है. जून और जुलाई माह के बिल में जो रीडिंग दिखाई गई है, वो मेरे घर पर लगे पानी के मीटर की रीडिंग से पूरी तरह अलग है.
दिव्या ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि उनके घर पर पानी मीटर लगा दिया गया है लेकिन कनेक्शन जोड़ा ही नहीं. मीटर में साफ दिखाई दे रहा है कि रीडिंग शून्य है लेकिन बावजूद इसके मुझे 800 रुपये का बेवजह पानी का बिल थमा दिया गया है. लोकल 18 ने ग्रामीणों के बिलों को अपने कैमरे में कैद किया. छोटूवाला की रहने वालीं सरिता ने कहा कि पुराने कनेक्शन में हमारा बिल 120 रुपये आया करता था, लेकिन जब से यह नए कनेक्शन लगे हैं, तब से बिल पांच गुना बढ़ गया. हमारी आजीविका खेतीबाड़ी से होती है. ऐसे में हजारों रुपये के बिल हम कहां से भरेंगे.
बिजली से ज्यादा आ रहा पानी का बिल
सपना चौहान ने कहा कि इतना बिल तो हमारा गर्मियों में बिजली का नहीं आया, जितना पानी का बिल हमें थमा दिया. जल संस्थान की मानें तो ये पानी सिर्फ इंसानों के लिए है न कि पशुओं के लिए. अब आप ही बताएं कि क्या हम अपने पशुओं को पानी देना ही बंद कर दें. पहले बिल 150 या 200 रुपये तक आता था, लेकिन पेरी अर्बन पेयजल योजना के तहत लगाए गए नए कनेक्शन के बिलों ने तो हद ही कर दी है.
एक ही माह के थमा दिए दो बिल
छोटूवाला के रहने वाले मान सिंह बताते हैं कि जल संस्थान ने उन्हें एक ही माह के दो बिल थमा दिए हैं. एक 430 रुपये का और दूसरा 698 रुपये का. मेरे परिवार में सिर्फ मैं और मेरी पत्नी हैं, वो भी कई दिनों से बीमार होने के चलते बिस्तर पर पड़ी हैं. इन बेवजह बिलों को देखकर मुझे चिंता हो रही है कि मैं कहां से भरूं. वहीं, पूजा बताती हैं कि उनके घर में सिर्फ तीन सदस्य हैं. खाना बनाने, कपड़े आदि धोने और नहाने के अलावा पानी इस्तेमाल नहीं होता. उनका जून और जुलाई माह का बिल 12,625 रुपये आया है. इतनी हमारी आमदनी नहीं जितना बिल आ गया है.
विधायक के सामने रखी बात
बदामावाला के उप प्रधान रोहित चौहान ने कहा कि पेरी अर्बन पेयजल योजना के तहत हर घर स्वच्छ जल पहुंचाया गया. इस योजना के तहत मात्र एक रुपये में पानी के कनेक्शन दिए गए लेकिन बदामावाला के ग्रामीणों के लिए ये योजना राहत की जगह आफत बन गई. सवाल यह है कि कई ग्रामीणों का दो माह का 10 से 18 हजार रुपये तक का बिल आ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग आखिर इन बिलों को कैसे भरेंगे. हालांकि ग्रामीणों ने इस समस्या को विधायक मुन्ना सिंह चौहान के सामने रखा. बैठक में सभी जोन में पानी के बिल की अधिकतम धनराशि एक हजार रुपये तक भरने पर सहमति बनी है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 18:45 IST