इस पौधे की पत्तियों का रस सात दिन में जड़ से खत्म करेगा बवासीर, यहां जानें

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प्रतीकात्मक तस्वीर 

पश्चिम चम्पारण. बवासीर एक ऐसी समस्या है, जिससे ज्यादातर लोग पीड़ित रहते हैं. बार-बार उपचार कराने के बावजूद भी इसकी जड़ें पनप आती हैं, जिससे जीवन पर्यंत बीमारी का खतरा बना रहता है. खूनी हो या बादी…वर्तमान में बवासीर की समस्या से हर उम्र का व्यक्ति ग्रसित है. अब सवाल ये उठता है कि बार बार पनप जाने वाली इस बीमारी का क्या कोई स्थायी इलाज नहीं है? हमने इस विषय पर विशेष जानकारी के लिए आयुर्वेद का रुख किया और पिछले चार–पांच दशकों से कार्यरत, कुछ बेहद ही अनुभवी आयुर्वेदाचार्यों एवं जड़ी बूटियों के जानकारों से बात की. आपको जानकर खुशी होगी कि जानकारों ने इस समस्या के स्थायी उपचार के लिए एक ऐसी औषधि का जिक्र किया है, जिसका वर्णन आयुर्वेद में खूब किया गया है. बेहद आसानी से मिलने वाले इस पौधे को राजबला या अतिबला के नाम से जाना जाता है. आयुर्वेद में इसे बवासीर तथा भगंदर के लिए रामबाण औषधि के रूप में दर्शाया गया है.

बवासीर की समस्या का स्थायी समाधान है यह पौधा
सन 1982 से जड़ी बूटियों पर कार्य कर रहे, विशेषज्ञ वासुदेव बताते हैं कि राजबला एक ऐसा औषधीय पौधा है, जिसके रस का सेवन बवासीर को कुछ ही दिनों में जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है.यदि कोई व्यक्ति बवासीर की समस्या से पीड़ित है, तो उसे राजबला की पत्तियों से निकले रस का सेवन करना है.आप जानकार आश्चर्यचकित होंगे कि सिर्फ सात दिनो के उपचार में “खूनी या बादी” किसी भी प्रकार की बवासीर की समस्या का स्थायी रूप से समाधान हो जाएगा.

ताज़ी पत्तियों के रस का ऐसे करें सेवन
पिछले 45 वर्षों से कार्यरत, पतंजलि आयुर्वेदाचार्य भुवनेश पांडे बताते हैं कि बवासीर की समस्या से ग्रसित पीड़ितों को हर दिन राजबला की पांच पत्तियों का उपयोग करना है. इस्तेमाल के लिए आप राजबला की पांच ताज़ी पत्तियों को तोड़ लें और फिर उसे पीस कर रस निकाल लें. अब इस रस का सेवन ठंडे पानी के साथ करें. सात दिनों तक ऐसा करने से किसी भी प्रकार की बवासीर की समस्या का समाधान हो सकता है. ध्यान रहे कि एक दिन में सिर्फ पांच पत्तियों के रस का ही सेवन करना है. चूंकि इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए अत्यधिक सेवन से सर्दी जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है.

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भगंदर में भी कारगर 
बकौल वासुदेव, जिस प्रकार बवासीर के लिए राजबला (अतिबला) की पत्तियों से निकला रस बेहद कारगर होता है, ठीक उसी प्रकार भगंदर के लिए भी ये रस बेहद लाभप्रद होता है. पीड़ितों को हर दिन इसकी पांच पत्तियों से निकले रस का पानी के साथ सेवन करना चाहिए. यकीन मानिए, सप्ताह दिन में आपको असरदार लाभ दिखने लगेगा.

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FIRST PUBLISHED :

November 18, 2024, 07:01 IST

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