राजा शाह रणवीर सिंह ने किया था सहारनपुर में नागरिक शासन स्थापित
सहारनपुर का वर्तमान नाम मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल में पड़ा, जो राजा शाह रणवीर सिंह के नाम पर है. साहित्यकार डॉ. वीरेंद्र आजम के अनुसार, लगभग 2000 साल पुराना सहारनपुर का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है. इस क्षेत्र पर कई राजाओं ने शासन किया, और हरिद्वार भी कभी सहारनपुर का हिस्सा हुआ करता था.
लोक मान्यता है कि लगभग 650 साल पहले सहारनपुर के शासक राजा शाह रणवीर सिंह के नाम पर इस नगर का नाम पड़ा. अकबर के शासनकाल में शाह रणवीर सिंह ने पहली बार सहारनपुर में नागरिक शासन की स्थापना की थी. इससे पहले यह क्षेत्र एक गांव के रूप में जाना जाता था. कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सहारनपुर का नाम सूफी संत हारून चिश्ती के नाम पर रखा गया, लेकिन इतिहासकार इसकी पुष्टि नहीं करते.
सिक्कों की टकसाल और राजाओं का शासन
अकबर ने सहारनपुर में दो टकसालें स्थापित की थीं—एक सहारनपुर में और दूसरी ज्वालापुर में. उस समय हरिद्वार भी सहारनपुर का हिस्सा था. इन टकसालों में सिक्के ढाले जाते थे. शाहजहां ने सहारनपुर को जागीर के रूप में राजा शाह रणवीर सिंह को सौंपा था.
पुराने चिन्ह और ऐतिहासिक विरासत
सहारनपुर में आज भी कई जगहों पर पुराने समय के चिन्ह देखे जा सकते हैं. यहां शाहजहां और मुमताज ने भी समय बिताया था. क्षेत्र में रायवाला जैसी दलदली मिट्टी वाली जगहें थीं, जिन्हें धीरे-धीरे विकसित किया गया.
सहारनपुर के ऐतिहासिक तथ्य
डॉ. वीरेंद्र आजम ने बताया कि सहारनपुर का विकास राजा शाह रणवीर सिंह के शासनकाल में प्रारंभ हुआ. यहां एक सैनिक छावनी भी हुआ करती थी, जिसके आसपास पुरानी बस्तियां थीं. राजा शाह रणवीर सिंह के शासन ने सहारनपुर को नागरिक प्रशासन का आधार दिया.
इतिहास से जुड़ी धारणा
हालांकि सहारनपुर के नामकरण को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन इतिहासकार और साहित्यकार इसे राजा शाह रणवीर सिंह के नाम से जोड़ते हैं. उनका मानना है कि राजा ने न केवल सहारनपुर का नाम, बल्कि इसका विकास भी सुनिश्चित किया.
Tags: Local18
FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 15:55 IST