चने की दाल
हल्द्वानी: सर्दियों में आप अपने खेतों में कई तरह की दालें बो सकते हैं, इनमें से एक है चना. ठंड की शुरुआत में ही आप चने की खेती कर सकते हैं. सिंचित चने की बुवाई अक्टूबर से नवंबर तक की जा सकती है. ठंड की शुरुआत में बीज बोने से फसल काफी अच्छी होती है. ये पौधे हल्की ठंड को सहन कर सकते हैं. अगर इन्हें बाद में बोया जाए तो पौधे छोटे होंगे और फलियां देर से और कम मात्रा में पकेंगी. इनकी बुवाई के लिए किस तरह की मिट्टी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जानते हैं विशेषज्ञ से.
ये करने से बढ़िया होगी फसल
वनक्षेत्राधिकारी मदन सिंह बिष्ट ने बताया कि चने की पौध को हल्की धूप की जरुरत होती है. इसके बीजों को 5 से 7 इंच गहराई में रोपें. बीजों के बीच एक इंच और पंक्तियों के बीच 18 से 24 इंच की दूरी रखें. ऐसा करने से फसल अच्छी होगी. चने की खेती हल्की से भारी मिट्टी में की जाती है. इसकी खेती के लिए ऐसी भूमि का चयन करें जहां जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था हो. पौधों के अच्छे विकास के लिए 5.5 से 7 पीएच वाली मिट्टी काफी अच्छी मानी जाती है.
चने की दाल बोने का सही समय
मदन सिंह बिष्ट आगे बताते हैं कि वर्षा आधारित खेती के लिए अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में तथा सिंचित खेती के लिए नवंबर माह में बीजों की बुआई कर देनी चाहिए. चने की खेती के लिए 3 से 4 सिंचाई पर्याप्त होती है. बुवाई से पहले पलेवा करके फसल बोनी चाहिये. इसके बाद फसल की गुड़ाई करने के बाद, बुवाई के 35-40 दिन बाद, पहली, 70-80 दिन बाद दूसरी और 105-110 दिनों बाद आखिरी सिंचाई करनी चाहिए.
इससे तैयार चने के साग के हैं बहुत से फायदे
इस फसल से ही चने का साग मिलता है जिससे बहुत से फायदे स्वास्थ्य को मिलते हैं. इसे पालक और मेथी से कई गुना अधिक पौष्टिक माना जाता है. इस साग में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, विटामिन ए और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट की भी अच्छी मात्रा होती है, जो इसे सेहत के लिए और भी गुणकारी बनाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 12:29 IST