नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि खुली अर्थव्यवस्था (ओपन इकोनॉमी) के नाम पर हमने दूसरे देशों को भारत में लाभ हासिल करने का अवसर दिया और इसे रोकना होगा. जयशंकर बेंगलुरु में आठवें इंडिया आइडिया कॉन्क्लेव में डिजिटल माध्यम से मुख्य भाषण दे रहे थे. इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का इस साल का विषय ‘ब्रांड भारत का निर्माण’ है.
उन्होंने कहा, “वैश्वीकरण के नाम पर हमने वास्तव में विनिर्माण क्षेत्र को खोखला कर दिया है. एसएमई पिछले 30 वर्षों से नुकसान उठा रहे हैं क्योंकि वे अनुचित प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं, देश में सब्सिडी वाले सामान का आयात होता है. अगर हम एमसएमई की रक्षा नहीं कर सकेंगे, तो वे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे.”
ये भी पढ़ें- वापसी करेंगे विदेशी निवेशक? विशेषज्ञों ने बताया क्यों नहीं होगी अब FII की बिक्री
उन्होंने कहा, “सेमी कंडक्टर उद्योग को देखें. हम समझते हैं कि आज सेमी कंडक्टर भारत जैसे देश के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.” उन्होंने कहा कि भारत चीजों को अलग तरीके से कर रहा है और वह तरीका है आवश्यक कठोर निर्णय लेना. जयशंकर ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर विवेकपूर्ण रवैया दिखाया जाना चाहिए.
एफडीआई पर गहन चर्चा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि एफडीआई को लेकर हर वार्ता में हम बहुत लंबे समय तक, बहुत गहनता से विचार-विमर्श करते हैं. हम एफडीआई के सामाजिक ताने-बाने और रोजगार से जुड़े पहलुओं के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थों के बारे में भी बहुत चिंतित रहते हैं.”
क्या है ओपन इकोनॉमी
खुली अर्थव्यवस्था का तात्पर्य उस आर्थिक प्रणाली से है, जिसमें देश की अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के लिए खुली होती है. यह प्रणाली विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करती हैय भारत ने 1991 में अपने आर्थिक सुधारों के साथ खुली अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाया, जिससे देश की आर्थिक संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए.
(भाषा के इनपुट के साथ)
Tags: Business news, EAM S Jaishankar, India economy
FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 23:37 IST