एकादशी व्रत का जानें महत्व
Utpanna Ekadashi Date 2024: कार्तिक के बाद अब मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो गया है. इस महीने में भी कई प्रमुख व्रत आते हैं. इनमें एक है उत्पन्ना एकादशी, जिसका खासा महत्व है. यह व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र सुदामा ने भी इस व्रत को रखा था. इस व्रत के प्रभाव से उन्हें सुख,शांति,समृद्धि के साथ पुत्र की प्राप्ति हुई थी.
उत्पन्ना एकादशी कब है?
काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि यूं तो हर महीने 2 एकादशी का व्रत पड़ता है, लेकिन मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है. हिन्दू पंचाग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 नवंबर को रात 1 बजकर 47 मिनट से होगा. जो अगले दिन यानी 26 नवम्बर को पूरे दिन रहेगा. ऐसे में यह व्रत इस बार 26 नवम्बर को ही रखा जाएगा.
उत्पन्ना एकादशी का व्रत कैसे रखें
इस दिन भगवान विष्णु के पूजा और व्रत का विधान है. इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद भगवान विष्णु का ध्यान कर मन में व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखकर शाम के समय भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान उन्हें पीले फूल,पीला वस्त्र और पीला मिठाई अर्पण करना चाहिए. इससे भगवान विष्णु की कृपा बरसती है.
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उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा
एक बार मूर नामक राक्षस ने धरती लोक से देव लोक तक उत्पात मचा रखा था. इस राक्षस ने देवलोक से देवताओं को पराजित करके वहां नए देवता विराजमान कराए थे.जिसके बाद सभी देवता भगवान शंकर के पास गए और अपनी व्यथा बताई.भगवान शंकर ने उन्हें भगवान विष्णु के पास जाने को कहा. सभी देवता जब भगवान विष्णु के पास पहुंचे तो उन्होंने उनकी समस्या सुनी और उसी समय उनके शरीर से एक सुंदर स्त्री उत्पन्न हुई जिसे देख मूर नामक राक्षस मोहित हो गया और जिसके बाद उस सुंदर स्त्री ने उसका वध कर दिया.भगवान विष्णु ने उस स्त्री का नाम उत्पन्ना रखा और उसे वरदान दिया कि जो भी मनुष्य उत्पन्ना एकादशी के दिन व्रत रखेगा उसके सभी कष्ट दूर होंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 14:03 IST
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