काशी में हनीमून मनाने आते हैं रूस से ये पक्षी... लेकिन नवंबर में संख्या हुई कम! जानें कारण
साइबेरियन पक्षियों का हनीमून डेस्टिनेशन बन जाता है काशी
वाराणसी. काशी में उत्तरवाहिनी गंगा का नजारा सर्दियों के मौसम में और भी खूबसूरत हो जाता है. इस मौसम में सात समुंदर पार से यहां विदेशी परिंदे आते हैं.गंगा की लहरों पर यह परिंदे अटखेलिया करते हैं जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केन्द्र होते हैं. खास बात यह भी है कि काशी इन विदेशी परिन्द्रों का हनीमून डेस्टिनेशन बन जाता है. बताते चलें कि हर साल ये विदेशी परिंदे सात समुद्रर पार से काशी आते है. साइबेरियन पक्षियों ने मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, तुलसी घाट का नजारा दिलकश बना दिया है.
बीएचयू में पक्षियों पर रिचर्स करने वाली प्रोफेसर चांदना हलदार ने बताया कि हर साल गुलाबी ठंड के सीजन में यह साइबेरियन बर्ड हजारों किलोमीटर का सफर तय कर यहां आते हैं .नवंबर से फरवरी महीने तक यह विदेशी पक्षी यहां रहते हैं. उसके बाद ये अपने वतन वापसी के लिए निकल पड़ते हैं.
कम हुई साइबेरियन पक्षियों की संख्या
काशी में 4 महीने तक रहकर ये विदेशी परिंदे गंगा में अटखेलियां करते हैं और यहां प्रजनन कर गंगा उस पार रेत पर अपने अंडे देते हैं. मार्च महीने में जब गुलाबी ठंड का सीजन खत्म होता है तो ये अपने बच्चों को भी लेकर वापस जाते हैं. चांदना हलदार ने बताया कि काशी का वातावरण इनके प्रजनन के लिए काफी अच्छा होता है.इन्हें यहां पर्याप्त मात्रा में भोजन भी मिलता है. हालांकि इस बार नवंबर महीने में साइबेरियन पक्षियों की संख्या काफी कम है. बताया जा रहा क्लाइमेट चेंज के कारण अभी तक कई परिंदे यहां नहीं पहुंच सके हैं. काशी आने वाले यह विदेशी परिंदे यहां आने वाले पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र होते हैं. खासकर उन पर्यटकों के लिए जो इस सीजन में गंगा में नौकायन करते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 15:44 IST