बनासकांठा: जिले के किसान हर साल मौसमी फसल उगाने में सक्रिय रहते हैं. इस साल भी, मानसून के दौरान बेहतर दामों की उम्मीद में 1 लाख 71 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मूंगफली की फसल लगाई गई. हालांकि, शुरुआती दौर में किसानों को उनकी उपज के उचित दाम नहीं मिल रहे थे, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गईं. खुले बाजार में मूंगफली की कीमत 850 से 1600 रुपये प्रति 20 किलो के बीच थी, जो किसानों के लिए पर्याप्त नहीं थी.
सरकार के समर्थन मूल्य से किसानों को राहत
डिसा मार्केटिंग यार्ड में मूंगफली की भारी मात्रा में आवक हो रही थी, लेकिन उचित दाम न मिलने से किसानों में निराशा थी. ऐसे में सरकार ने मूंगफली का समर्थन मूल्य 1356 रुपये प्रति 20 किलो तय किया, जिससे किसानों में उत्साह लौटा. अब किसान बड़ी संख्या में अपनी उपज को रियायती दामों पर बेचने के लिए मार्केटिंग यार्ड का रुख कर रहे हैं. यह फैसला किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो रहा है.
किसान शिवरामभाई त्रिवेदी ने साझा किया अनुभव
रामसन गांव के किसान शिवरामभाई त्रिवेदी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वह अपनी मूंगफली बेचने के लिए डिसा मार्केटिंग यार्ड पहुंचे. उन्होंने कहा, “जब मैंने खुले बाजार में मूंगफली बेची, तो मुझे 1100 रुपये प्रति 20 किलो का भाव मिला. लेकिन मार्केटिंग यार्ड में मुझे 1356 रुपये का समर्थन मूल्य मिला. इससे मुझे करीब 40 से 50 हजार रुपये का फायदा हुआ है.”
कुचासन गांव के किसान रामचंदभाई का मुनाफा
कुचासन गांव के किसान चौधरी रामचंदभाई ने सरकार के फैसले की सराहना की. उन्होंने कहा, “सरकार ने रियायती मूल्य पर मूंगफली खरीदने के लिए केंद्र खोला है. अगर समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होती, तो किसानों को प्रति हेक्टेयर 20 से 25 हजार रुपये का नुकसान हो सकता था. मैंने 12 बीघे में मूंगफली लगाई थी और 400 मन मूंगफली बेचकर मुझे लगभग 1 लाख रुपये का मुनाफ़ा होगा.”
सरकार की पहल से किसानों को राहत
मूंगफली का समर्थन मूल्य तय होने से बनासकांठा के किसानों को बड़ा आर्थिक सहारा मिला है. सरकार की इस पहल से जहां किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल रहा है, वहीं उनके परिवारों के आर्थिक हालात भी सुधर रहे हैं. इस कदम ने किसानों की उम्मीदें फिर से जगा दी हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 12:57 IST