महाराष्ट्र: अलग-अलग फसल या मौसम की वजह से कई बार किसान भाई पूरे 12 महीने खेती नहीं करते. ऐसे में किसानी के साथ-साथ कुछ और व्यवसाय या बिजनेस किया जा सकता है. किसानों के पास कई ऑप्शन हैं जिससे कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है. ऐसा ही एक बिजनेस है रसवंती गृह यानी की गन्ने के जूस का.
6 महीने खेती, 6 महीने बिजनेस!
पूरी जानकारी के लिए लोकल18 ने बात की है महाराष्ट्र के जालना जिले के पीर पिंपलगांव गांव के किसान विश्वंभर कोल्हे से. विश्वंभर कोल्हे पिछले 7-8 साल से किसानी के साथ-साथ गन्ने के जूस का काम कर रहे हैं. ये पारंपरिक तरीके से गन्ने का जूस निकालते हैं. ये एक पुराना तरीका है, जिसमें किसी मशीन के बजाय बैल की मदद से चक्की घुमाई जाती है. खास बात ये है कि ये फुल टाइम बिजनेस नहीं है. विश्वंभर 6 महीने खेती और बाकी बचे 6 महीने गन्ने के जूस का ये कारोबार चलाते हैं.
6 महीने में इतने लाख की कमाई
इस व्यवसाय के लिए किसान विश्वंभर पहले से ही गन्ने के लिए आधा एकड़ कृषि जमीन आरक्षित रखते हैं. यहां पर वो गन्ने की खेती करते हैं. 6 महीने तक गन्ने के जूस का काम करने के लिए लगभग 30 टन गन्ने की जरूरत होती है. इस कारोबार से किसान विश्वंभर की कमाई भी बढ़ी है. एक गिलास गन्ने के जूस की कीमत 15 रुपये है. इससे विश्वंभर 6 महीने में 3 लाख तक की कमाई कर लेते हैं.
ऐसे बढ़ा जूस का कारोबार
विश्वंभर जहां गन्ने के जूस का काम करते हैं, उसके पास राजूर गणपती संस्थान है. आते-जाते लोग यहां आते हैं और गन्ने के जूस का कारोबार भी रफ्तार पकड़ लेता है. साथ ही, विश्वंभर को शादियों में भी ऑर्डर मिलते हैं. ऐसे में सिर्फ 6 महीने खेती और 6 महीने रसवंती गृह चलाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
विश्वंभर कोल्हे कहते हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चे भी गर्मी की छुट्टियों के दौरान काम में मदद करते हैं. आपने भी आस-पास कई ऐसे युवाओं को देखा होगा जो रोजगार न मिलने की वजह से निराश रहते हैं. हालांकि, विश्वंभर कोल्हे का ये बिजनेस आइडिया कमाई का अच्छा मौका है.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 13:24 IST