तमिलनाडु: नमक्कल जिले के एसआरवी पब्लिक स्कूल में आयोजित नोबल वर्ल्ड रिकॉर्ड कार्यक्रम में सातवीं कक्षा की छात्रा जेरिदिशा ने इतिहास रच दिया. उन्होंने लोहे की कीलों पर बैठकर मात्र 20 मिनट में 50 योगासन कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया. यह प्रदर्शन न केवल उनकी मेहनत का परिणाम था, बल्कि उनकी अद्वितीय योग क्षमता और आत्मविश्वास का भी प्रतीक था.
50 योगासन कर दिखाया अद्भुत प्रदर्शन
कार्यक्रम में नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड की निदेशक हेमलता और एसआरवी ग्रुप के सचिव मनोकरण की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया. जेरिदिशा ने पद्मासन, योग मुद्रा, परवा दसना, वज्रासन और चक्रासन जैसे कठिन योगासन आसानी से करते हुए अपना कौशल दिखाया. उनके प्रदर्शन के बाद उन्हें नोबेल वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट और मेडल देकर सम्मानित किया गया. विद्यालय के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों ने उनके इस कारनामे पर गर्व जताया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की.
समाज के लिए प्रेरणा बनीं जेरिदिशा
अपनी इस उपलब्धि पर जेरिदिशा ने कहा, “मेरी सफलता का मुख्य कारण मेरे माता-पिता हैं. उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया और मुझे प्रोत्साहित किया.” जेरिदिशा ने इससे पहले भी महिला यौन हिंसा और सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नारियल पर बैठकर योगासन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया था. उनका कहना है कि योग न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि समाज में बदलाव लाने का माध्यम भी बन सकता है.
महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाई आवाज
जेरिदिशा ने कहा कि इस बार उन्होंने लोहे की कीलों पर बैठकर 50 योगासन किए, लेकिन उनका उद्देश्य केवल रिकॉर्ड बनाना नहीं है. उनका असली उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूकता फैलाना है. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे आगे भी समाजहित में कार्य करती रहेंगी और नए-नए विश्व रिकॉर्ड बनाकर देश का नाम रोशन करेंगी.
युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत
जेरिदिशा की इस उपलब्धि ने न केवल उनके विद्यालय, बल्कि पूरे जिले को गौरवान्वित किया है. उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो कुछ बड़ा करने का सपना देखते हैं. उनकी मेहनत और समर्पण यह संदेश देते हैं कि अगर आत्मविश्वास और लगन हो, तो किसी भी मुश्किल लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.
योग से जुड़ी नई पीढ़ी
जेरिदिशा के इस कारनामे ने योग के महत्व को भी उजागर किया है. यह साबित करता है कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति भी प्रदान करता है. उनकी उपलब्धि से यह उम्मीद की जा रही है कि नई पीढ़ी योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 18:00 IST