कैंसर पीड़ित पत्नी के लिए बुजुर्ग का कमाल, दिल्ली में बना दिया 10AQi वाला घर

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दिल्ली

दिल्ली के इस घर में AQI 10 से भी नीचे है.

दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से बाहर सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है और वायु गुणवत्ता 400 AQI से भी पार जा रही है. अब यही हालत आपके घर में भी ना हो जाएं, इसलिए आपको इस समय थोड़ा अलर्ट होने की जरूरत है. कुछ ऐसा ही इस समय कर रहे हैं साउथ दिल्ली के पीटर. उन्होंने अपने घर की वायु गुणवत्ता को स्वच्छ रखने के लिए एक्वापोनिक्स तकनीक का सहारा लिया है. जिसके कारण उनके घर में वायु की गुणवत्ता 10 AQI से भी नीचे बनी हुई है.

साउथ दिल्ली के इलाके में एक घर है और उसमें 80 साल के पीटर सिंह अपनी 70 साल की पत्नी नीनो कौर के साथ रहते हैं. पीटर ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि उन्होंने इस घर की वायु गुणवत्ता को स्वच्छ रखने के तरह-तरह का सहारा लेते हैं. जिसमें उनको सफलता भी मिलती है. यही कारण है कि उनके घर में वायु की गुणवत्ता काफी अच्छी बनाई हुई है. वहीं दिल्ली की भीषण गर्मी में भी उनके घर का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं होता है.

क्या होती है एक्वापोनिक्स तकनीक?
एक्वापोनिक्स एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मछली पालन और बिना मिट्टी के पौधे उगाना एक साथ किया जाता है. वहीं घर के चारों तरफ और घर की छत पर कुल मिलाकर इन्होंने अभी तक 15 हजार से भी ज्यादा पौधे लगा दिए हैं. जोकी एक बड़ी वजह है कि इनके घर की वायु गुणवत्ता दिल्ली जैसे प्रदूषित शहर में भी अच्छी खासी बनी हुई है.

इस घटना के बाद हुआ था यह सब शुरू
पीटर ने बताया कि उनकी पत्नी को ब्लड कैंसर हो गया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी घर की पूरी लाइफ स्टाइल चेंज कर दी थी. उनका यह भी कहना था कि कई बड़े डॉक्टर ने उन्हें यह कहा था कि दिल्ली की हवा उनकी सेहत के लिए अच्छी नहीं है और यह ब्लड कैंसर की बड़ी वजह गाड़ियों से निकलने वाला धुआं ही है. जिसके बाद उन्होंने अपने घर के पूरे लाइफ स्टाइल को बदलकर अपनी पत्नी को कैंसर से बाहर निकाल दिया और आज उनकी पत्नी उनके साथ स्वस्थ रूप से जीवन बिता रही हैं.

आप भी घर पर एक्वापोनिक्स सेटअप
पीटर ने बताया कि यह सेटअप अपने घर पर कोई भी लगा सकता है. उन्होंने कहा कि आपको घर में चार बड़े-बड़े मछली के टैंक बनाने होंगे. इन्हीं टैंकों के पानी में मौजूद अमोनिया पौधों के लिए खाद का काम करती है और बदले में पौधे पानी को साफ करते हैं जो वापस टैंकों में चला जाता है. इस प्रक्रिया में पानी की भी बहुत बचत होती है. क्योंकि पानी की हर बूंद का बार-बार इस्तेमाल किया जाता है.

Tags: Air pollution, Delhi AQI, Delhi news, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 23, 2024, 10:47 IST

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