दिल्ली का सराय काले खां अब बिरसा मुंडा चौक
History of Sarai Kale Khan: दिल्ली के सराय काले खां का नाम बदलकर बिरसा मुंडा चौक कर दिया है. अब इस चौक को भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चौक का नाम बदलने का ऐलान भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर शुक्रवार को किया था. नाम बदलने के बाद से लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर सराय काले खां थे कौन?
सराय काले खां कौन थे?
इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट से लोकल18 ने बात करते हुए कहा, ‘सराय काले खां कौन थे, इसकी इतिहास में कोई स्पष्ट तस्वीर उभर कर नहीं आती है. लेकिन कुछ तथ्य ऐसे हैं जो विभिन्न संभावनाओं की ओर इशारा करते हैं. जैसे शेर शाह सूरी ने अपने जमाने में ग्रांड ट्रंक रोड (जीटी रोड) पर हर 12 मील के बाद एक सराय बनाई थी, जिसमें हिंदू मुस्लिम सभी तरह के लोग रहते थे. उनके जमाने में ही एक संत थे, जिनका नाम काले खां था.’
उन्होंने आगे कहा, ‘संभवत उनके नाम पर सराय बनाई गई थी. इस वजह से इस जगह का नाम सराय काले खां पड़ा. उन्होंने बताया कि इस बात को इस तथ्य से भी बल मिलता है, क्योंकि जहां पर काले खां की सराय है वो क्षेत्र सूफी संतों की परंपरा से प्रभावित क्षेत्र रहा है. उन्होंने बताया कि शेर शाह सूरी के संत के जमाने की मजार आज भी इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के क्षेत्र में देखी जा सकती है.’
एक मजार भी है काले खां के नाम पर
इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट ने बताया कि साउथ दिल्ली के एक्सटेंशन में एक मजार है, जिसे काले गुंबद की मजार कहते हैं. तो शायद इस नाम से सराय काले खां नाम हुआ. उन्होंने बताया कि एक और तथ्य है जिसके मुताबिक मिर्जा गालिब के वक्त पर उनके एक दोस्त थे जिनका नाम था काले खां था. शायद उनका नाम कुछ और था लेकिन क्योंकि उनका रंग सांवला था इसलिए लोग उनको काले खां कहते थे. कहते हैं कि शायद उन्होंने ही यह सराय बनाई थी इसलिए इसका नाम काले खां की सराय हुआ.
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इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट ने बताया कि एक ओरल हिस्ट्री होती है जो लोक कथाओं पर ही आधारित होती है और इसे बहुत महत्व दिया जा रहा है. वेस्टर्न वर्ल्ड के अंदर इसके मुताबिक जहां पर सराय काले खां की सराय है, वो क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है. कहते हैं कि एक हिंदू धार्मिक संत थे. मुगलों के वक्त पर उन्हें जबरदस्ती कन्वर्ट कर दिया गया था. उनका नाम भी काले खां हुआ तो शायद उनके नाम पर सराय काले खां रखा गया.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 13:19 IST