अमेरिका में आम चुनाव के नतीजों ने डोनाल्ड ट्रंप को नए सरकार के रूप में चुना है और अब प्रशासन की नई रूपरेखा तैयार की जा रही है. नई नियुक्तियों में हिन्दू नेता तुलसी गबार्ड को भी नई जिम्मेदारी सौपी गई है. तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नामित किया गया है. इस पद पर उन्हें 18 खुफिया एजेंसियों की देखरेख करनी होगी. आइए जानते हैं ट्रंप सरकार की टीम में शामिल होने वाली तुलसी गबार्ड कौन हैं, जो इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं.
तुलसी का जन्म 12 अप्रैल, 1982 को लेलोआलोआ, अमेरिकी समोआ में हुआ था. जब वो 2 साल की हुई तो उनका परिवार हवाई चला गया. उनका परिवार गौड़ीय वैष्णववाद को फॉलो करता था, हिंदू धर्म के भीतर एक परंपरा है. उनके भाई-बहन और उनकी 2 शादियों की जानकारी बहुत कम है. आइए जानते हैं सबकुछ…
43 वर्षीय तुलसी अपने परिवार में पांच बच्चों में से चौथी हैं. उन्होंने बचपन का एक साल फिलीपींस में भी बिताया. 21 साल की उम्र में, गैबार्ड को हवाई के प्रतिनिधि सभा के लिए चुना गया था, लेकिन एक कार्यकाल के बाद ही उन्हें पद छोड़ना पड़ा क्योंकि उनकी नेशनल गार्ड यूनिट इराक में तैनात थी. बाद में वे हवाई का प्रतिनिधित्व करते हुए कांग्रेस के लिए चुनी गईं. सदन की पहली हिंदू सदस्य के रूप में, गैबार्ड ने भगवद गीता पर हाथ रखकर पद की शपथ ली, जिसे उन्होंने बाद में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेंट किया. हवाई में पली-बढ़ी गैबार्ड ने इस जगह से कई सांस्कृतिक मूल्यों को फॉलो किया.
तुलसी के माता-पिता परमहंस के भक्त बन गए थे. इसके बाद उनके माता और पिता शाकाहारी बन गए और अपने बच्चों को हिंदू नाम दिए. तुलसी की मां कैरोल गबार्ड हिंदू को अपना धर्म मानती है. तुलसी गबार्ड के भाई-बहनों का हिंदू नाम- भक्ति, जय, आर्यन और वृंदावन के रूप में है. तुलसी गबार्ड कृष्ण भक्त हैं. वृंदावन का तुलसी के साथ एक करीबी रिश्ता है क्योंकि वह अक्सर अपने एक्स और फेसबुक अकाउंट पर इस बारे में पोस्ट करती रहती हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 13:07 IST