अजमेर. अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा कर कोर्ट पहुंचने वाले शख्स विष्णु गुप्ता ने इसको लेकर देशभर में एक नई बहस छेड़ दी है. उत्तर प्रदेश के संभल में चल रहे विवाद के बीच राजस्थान की अजमेर दरगाह को लेकर कोर्ट की ओर से पक्षकारों को थमाए गए नोटिस से यह मामला भी तूल पकड़ने लग गया है. दरगाह को लेकर यह दावा करने वाले विष्णु गुप्ता उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और हिन्दू सेना के कर्ताधर्ता हैं.
गुप्ता ने दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाला वाद दो महीने पहले अजमेर की निचली अदालत 25 सितंबर को दायर किया था. उसके बाद इस मामले में कोर्ट ने अब पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं. उत्तर प्रदेश के एटा जिले के निवासी विष्णु गुप्ता ऐसा दावा करके कोई पहली बार चर्चा में नहीं आए हैं. वे इससे पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं. प्रभात खबर में प्रकाशित लेख के अनुसार विष्णु गुप्ता इससे पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा में शाही ईदगाह में मामले में बाल कृष्ण की ओर से केस कर चुके हैं.
विष्णु गुप्ता बोले- हमारे तर्कों का ठोस आधार है
साल 2011 में हिन्दू सेना की स्थापना करने वाले विष्णु गुप्ता का कहना है कि वे हिन्दू धर्म के उत्थान के लिए ऐसा कर रहे हैं. किसी भी मामले में कोर्ट जाना हर भारतीय का मौलिक अधिकार है. इस अधिकार से कोई सरकार किसी को नहीं रोक सकती. वे कहीं उग्र प्रदर्शन करने नहीं कर रहे हैं. उनके तर्कों का ठोस आधार है. इन्हीं आधार पर वे कोर्ट गए हैं. बचपन में राम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा रहे विष्णु गुप्ता आज देशभर में जानामाना नाम हो गया है.
सरकार दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित करे
हर विलास शारदा की पुस्तक ‘अजमेर हिस्टोरिकल एंड डिस्कपरेटिव’ में दिए गए तथ्यों के आधार पर दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता का कहना है कि देश संविधान और कानून से चलता है. उनका कहना है कि सरकार का काम है कि वह दरगाह को संकट मोचन महादेव मंदिर घोषित करे. इसके बहुत साक्ष्य हैं. हमारी तरफ से कोर्ट में साफ सुथरी बात रखी गई है. कोर्ट ने हमारी बात सुनी है. हमारी याचिका स्वीकार की है. सभी पक्षों को नोटिस जारी किया गया है.
FIRST PUBLISHED :
November 29, 2024, 14:14 IST