देहरादून : केदारनाथ उप चुनाव के नतीजे बीजेपी के पक्ष में रहे. पार्टी प्रत्याशी आशा नौटियाल 5,000 से ज्यादा वोटों से अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के मनोज रावत से जीत गईं. आशा को जहां 23,800 वोट पड़े, वहीं मनोज को 18,000 से थोड़े ज्यादा वोट पड़े. इस सीट पर कुल 6 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा.. लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के अलावा जिस प्रत्याशी की सबसे ज्यादा चर्चा रही वो रहे इंडिपेंडेंस उम्मीदवार त्रिभुवन चौहान. इन्होंने 9300 वोट हासिल किए. चुनावी पल्स पर पकड़ रखने वाले जानकारों का मानना है कि त्रिभुवन उप चुनाव में कांग्रेस का गेम पलटने वाले साबित हुए.
कौन हैं त्रिभुवन?
कुछ हफ्तों पहले तक यूट्यूबर पत्रकार त्रिभुवन चौहान अलग-अलग मुद्दों पर वीडियो बनाते हुए लोगों के बीच में पहुंचते थे. केदारनाथ विधानसभा के रहने वाले त्रिभुवन केदारनाथ यात्रा के दौरान भी वीडियो बनाते और मुद्दे उठाते रहे. जब केदारनाथ उपचुनाव की घोषणा हुई तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर त्रिभुवन ने भी चुनाव में कूदने का मन बनाया. शुरू में कांग्रेस और बीजेपी ने इस इंडिपेंडेंट प्रत्याशी को हल्के में लिया, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ी, वैसे-वैसे वोटर्स का ध्रुवीकरण दिखने लगा. केदार घाटी से ताल्लुक रखने वाले इस स्वतंत्र उम्मीदवार ने बीजेपी से नाराज हुए वोटर को अपने फोकस में रखा. इसका नतीजा ये हुआ कि जो वोटर कांग्रेस की तरफ जा सकते थे, वो त्रिभुवन की तरफ चले गए.
मनोज रावत और त्रिभुवन में एक बात है कॉमन
ये महज एक संयोग है या फिर ट्रेंड को फॉलो करने का नतीजा कि केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार और स्वतंत्र उम्मीदवार दोनों उम्मीदवार पत्रकारिता में हाथ आजमा चुके हैं. 2017 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे मनोज रावत प्रिंट पत्रकारिता में सक्रिय रहे हैं. उनकी कई खोजी रिपोर्ट्स भी प्रमुख मैगजींस में छपी हैं. त्रिभुवन भी यूट्यूब चैनल में जनता के बीच रिपोर्टिंग करते रहे. कह सकते हैं कि दोनों प्रत्याशियों को राजनीति में आने से पहले अपने पत्रकारिता बैकग्राउंड का फायदा मिला. नतीजे आने के बाद जब न्यूज़ 18 ने त्रिभुवन से रिएक्शन लिया तो उनका कहना था कि वो 2027 में दोबारा चुनाव लड़ेंगे और अपनी आवाज को पुरजोर ढंग से उठाएंगे.
Tags: Assembly by election, Assembly bypoll, Kedarnath
FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 15:44 IST