नई दिल्ली. कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिन्हें एक बार देखिए या बार-बार उन्हें देखकर मन नहीं भरता. साल 1995 में एक ऐसी ही फिल्म रिलीज हुई, जिसने न सिर्फ ये साबित किया कि पुनर्जन्म सिर्फ प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए नहीं होता बल्कि मां की लिए भी होता. वो फिल्म जिसने 2 भाईयों के बीच के प्यार को जगजाहिर किया. फिल्म रिलीज हुई तो कहानी ही नहीं गानों ने भी धूम मचा दिया. इस फिल्म का निर्देशन राकेश रोशन के हाथों में था, जो रिलीज होने के 30 सालों के बाद भी लोगों के दिलों-दिमाग पर छाई हुई है. ‘मेरे करण अर्जुन आएंगे… ‘ सिर्फ इस एक डायलॉग के साथ पूरी फिल्म का कहानी लोगों के दिलो-दिमाग में छा जाती है.
22 नवंबर को थिएटर में री-रिलीज किया जाएगा. हाल ही में निर्देशक राकेश रोशन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात की और अपनी कल्ट क्लासिक के बारे में बात की. उन्होंने राखी गुलजार को उनकी मुख्य भूमिका के लिए चुनने की यादें साझा कीं और अमरीश पुरी के साथ उस मजाक किया कि जब करण और अर्जुन की वापसी इस बात पर निर्भर करती है कि ‘ठाकुर दुर्जन सिंह’ (अमरीश पुरी) के चरित्र ने उन्हें कितनी बेरहमी से मारा.
कैसे राखी को मिला ‘दुर्गा सिंह’ का किरदार
राकेश ने खुलासा किया कि राखी तुरंत फिल्म में शामिल होने के लिए तैयार हो गईं. उन्होंने कहा, ‘मैंने राखी के साथ एक एक्टर के तौर पर भी काफी काम किया है, इसलिए मैं उनके पास कहानी सुनाने के लिए गया था. जब मैंने उसे कहानी सुनाई तो उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं वहां सिर्फ उनकी राय लेने या उसे कास्ट करने के लिए आया था. उसने तुरंत हां कह दिया. यह महत्वपूर्ण भूमिका थी.’
राखी की दमदार डायलॉग डिलीवरी
फिल्म के डायरेक्टर ने आगे फिल्म के ऐतिहासिक डायलॉग ‘मेरे बेटे आएंगे’ की शूटिंग को भी याद किया. उन्होंने बताया कि राखी ने जिस दृढ़ विश्वास के साथ इस डायलॉग को बोला- वो फिल्म का आधार बन गया. राकेश रोशन ने याद किया कि अगर उन्होंने सरलता के साथ इस डायलॉग को कहा होता, तो लोग फिल्म से नहीं बंध पाते. उन्होंने इसे इतने प्रभाव के साथ कहा, यह उनकी आंखों में दिखा, हम कंपन महसूस कर सकते थे और लोग भी चाहते थे करण अर्जुन वापस आएं.’
ऋतिक रोशन ने फिल्म में असिस्टेंट डायरेक्शन का कमान संभाली थी.
‘क्या आपको लगता है कि करण अर्जुन वापस आएंगे?’
निर्देशक ने कास्टिंग के दौरान अमरीश पुरी से हुई बातचीत साझा की. उन्होंने याद करते हुए कहा, ‘अमरीश जी और मैं बहुत करीबी दोस्त रहे हैं, उन्होंने मेरे साथ ‘कोयला’ और ‘किशन कन्हैय्या’ में काम किया था, इसलिए जब मैं उनके पास गया, तो उन्होंने मुझसे पूछा, ‘क्या आपको लगता है कि करण अर्जुन वापस आएंगे?’ मैंने कहा, ‘आप जितनी बुरी तरह से उनको मारेंगे, तो वो बुरी तरह से वापस आएंगे आपको मारने के लिए. ‘
दूसरी पुनर्जन्म की कहानियों से अलग है ‘करण अर्जुन’
राकेश रोशन ने बताया कि ‘करण अर्जुन’ अन्य पुनर्जन्म की कहानियों से अलग है, क्योंकि यह एक प्रेम कहानी के बजाय एक मां के अपने बेटों के साथ बंधन पर केंद्रित है. उन्होंने यह भी कहा, ‘पुनर्जन्म पर ज्यादातर फिल्में प्रेम कहानियों पर बनती हैं, यह पहली बार था जब मां और दो बेटों के रिश्ते पर फिल्म बनाई गई थी. मैंने दोनों भाइयों के बीच फिर से प्रेमी मिलन की धारा स्थापित की.’
पापा के साथ नहीं बस से आते थे ऋतिक
उन्होंने खुलासा किया कि ऋतिक को भी फिल्म के सेट पर किसी तरह का विशेष ट्रीटमेंट नहीं दिया गया. वह अन्य स्टार कास्ट और टीम के साथ ही मौजूद रहते थे. वहीं, आउटडोर शूटिंग के दौरान भी वह क्रू यूनिट के साथ रहते थे. राकेश रोशन ने एक किस्सा याद करते हुए कहा, ‘मैं अपनी कार से फिल्म के सेट पर हमेशा जाता था, लेकिन ऋतिक बस से जाता था. मैं उसे कभी अपने साथ ले जाना पसंद नहीं करता था. मैं चाहता था कि वह उस जीवन को भी अच्छे से देखें. जब हम फिल्म की आउटडोर शूटिंग के लिए जाते थे तो ऋतिक स्टार्स के साथ नहीं, यूनिट के लोगों के साथ ठहरता था.’
कैमरे के पीछे की दुनिया को जानने का मिला मौका
राकेश रोशन ने आगे बताया, ‘चार आदमी कमरे में थे और ऋतिक उनके साथ रूम शेयर करता था. उनके साथ डिनर करना, जिससे कई बार उसका पेट भी खराब हो जाता था. चार से पांच साल तक मैंने उसके साथ ऐसा किया. इससे उन्हें कैमरे के पीछे की दुनिया को जानने का मौका मिला. राकेश रोशन ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा, इन सब बातों का यह फायदा हुआ कि ऋतिक किसी भी फिल्म की शूटिंग में देरी से नहीं पहुंचता है.’
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 12:07 IST