Last Updated:January 30, 2025, 11:56 IST
बाड़मेर के सियाणी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की कई छात्राओं जिला कलेक्टर के पास पहुंची. उन्होंने स्कूल की एक टीचर पर उनकी पिटाई का आरोप लगाया है.
स्कूल एक ऐसी जगह है जहां विद्यार्थियों को दुनिया में सही तरीके से जीने का सबक सिखाया जाता है. टीचर का काम होता है बच्चों को सही और गलत में फर्क करने की समझ देना. उसे सही रास्ता दिखाना. लेकिन कई बार खुद टीचर्स ऐसी चीजें कर बैठते हैं जिसका असर बच्चों के कोमल मस्तिष्क पर लंबे समय के लिए देखने को मिलता है. बाड़मेर के एक सरकारी स्कूल की टीचर ने विद्यालय की लगभग अस्सी छात्राओं की पिटाई कर डाली.
सभी छात्राएं बाड़मेर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय सियाणी में न पढ़ती हैं. सभी एक साथ जिला कलेक्टर के पास पहुंची थी. उन्होंने अतिरिक्त जिला कलेक्टर से मुलाक़ात की और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत करवाया. स्टूडेंट्स ने बताया 27 जनवरी को स्कूल की एक शिक्षिका ने उनके च्यूंगम खाने की वजह से पिटाई की थी. अगले दिन छात्राओं ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी और फिर उनके पास शिकायत दर्ज करवाने पहुंची.
अस्सी बच्चों को पीटा
स्टूडेंट्स ने अपनी शिकायत का ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौंपा. उन्होंने बताया कि स्कूल में करीब दो सौ छात्राएं पढ़ती हैं. इनमें से अस्सी की टीचर ने मात्र च्यूंगम खाने की वजह से पिटाई कर दी. जब अगले दिन परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो सभी स्कूल में एकत्रित हुए. मारपीट का कारण पूछा गया तो टीचर ने बताया कि च्यूंगम खाने की वजह से उन्हें पीटा गया था. इसके बाद सभी जिला कलेक्ट्रेट के ऑफिस पहुंचे.
जांच के मिले आदेश
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मामले की जांच करवाने की मांग की. साथ ही टीचर पर कार्यवाई की भी बात कही. मामले को लेकर रमसा के अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक तनुराम ने कहा कि उनके संज्ञान में मामला आया है. इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच के बाद जो भी रिपोर्ट सामने आएगी, उसके आधार पर दोषी को सजा दी जाएगी.
First Published :
January 30, 2025, 11:56 IST