नई दिल्ली. बैंकर और कोटक महिंद्रा बैंक के फाउंडर उदय कोटक ने क्विक कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह पारंपरिक खुदरा दुकानों के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है. ब्लिंकिट, जेप्टो और स्विगी इंस्टामार्ट जैसे प्लेटफार्मों की तेज़ी से वृद्धि भारतीय खुदरा व्यापार को बाधित कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि यह मुद्दा जल्द ही राजनीतिक मंचों तक पहुंच सकता है.
सीएनबीसी टीवी18 द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उदय कोटक ने कहा, “क्विक कॉमर्स स्थानीय रिटेलर्स के लिए चुनौती है, और यह चुनौती अंततः राजनीतिक समस्या बन सकती है.” यह बयान ऐसे समय में आया है जब स्विगी का आईपीओ कमजोर बाजार में भी 7% प्रीमियम पर बाजार में लिस्ट हुआ है. कोटक ने कहा है कि भारत ने क्विक-सर्विस रिटेल मॉडल में ऐसी सफलता हासिल की है, जो अन्य देशों में नहीं देखी गई.
क्विक कॉमर्स का तेज़ी से बढ़ता उद्योग
डैटम इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्विक कॉमर्स का बाजार 2024 के $6.1 बिलियन से बढ़कर 2030 तक $40 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. क्विक कॉमर्स का मतलब है कि ग्राहकों को ऑर्डर किए हुए सामान 10 से 30 मिनट में पहुंचा दिया जाता है. ब्लिंकिट, जेप्टो, स्विगी इंस्टामार्ट और फ्लिपकार्ट मिनट्स भारत की प्रमुख क्विक कॉमर्स कंपनियां हैं. क्विक कॉमर्स की इस तेज़ी से वृद्धि के बीच, भारतीय रिटेल उद्योग के लिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वह इस चुनौती का सामना कैसे करता है.
वैश्विक ब्रांड बनाने की अपील
उदय कोटक ने भारतीय कंपनियों से ऐपल मेटा और यूनिलीवर जैसे मजबूत वैश्विक ब्रांड बनाने की अपील की. कोटक ने अत्यधिक संरक्षणवाद के खतरों पर भी बात की. उन्होंने कहा कि इससे दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो सकती है. उन्होंने भारत को एक खुले व्यापार वातावरण की आवश्यकता पर बल देते हुए संभावित पूंजी प्रवाह (कैपिटल आउटफ्लो) के लिए तैयार रहने की सलाह दी.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 07:45 IST