तमिलनाडु: सर्दियों का मौसम आ गया और जब मौसम बदलता है, तो हमारी इम्यून सिस्टम भी कमजोर हो सकती है, जिससे हम जल्दी सर्दी-जुकाम का शिकार हो सकते हैं. ऐसे में खांसी, बलगम और जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं और इसमें काढ़ा बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है. बता दें कि सर्दी-खांसी से राहत के लिए आप असरदार काढ़ा बना सकते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं स्पेशल रेसिपी..
काढ़ा बनाने से पहले सबसे ज़रूरी बात ये है कि आपको सभी चीजों को एक विषम (odd) संख्या में डालनी चाहिए. इसका मतलब है कि हर एक सामग्री की संख्या विषम होनी चाहिए, जैसे तीन पत्तियां, तीन चम्मच आदि. ऐसा करने से काढ़ा बनाने की प्रक्रिया सही होती है और इसका असर भी बढ़ता है. ओमावली पत्तियां (Omavalli leaves), दूथुवाला (Doothuvala) और तुलसी (Tulsi) ये तीनों सामग्री प्राकृतिक रूप से बलगम (phlegm) और खांसी (cough) को ठीक करने में मदद करती हैं. इन पत्तियों के साथ अगर आप काली मिर्च (black pepper) और अदरक (ginger) का उपयोग करते हैं, तो काढ़ा और भी असरदार हो जाता है. काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और अदरक शरीर में गर्मी पैदा करता है, जिससे खांसी और सर्दी में राहत मिलती है.
अदरक और मिर्च का प्रयोग
अदरक और मिर्च काढ़े में डालने से इसका प्रभाव और बढ़ जाता है. ये दोनों चीज़ें खांसी और सर्दी से राहत दिलाने में मदद करती हैं. इसके लिए ताजे अदरक और मिर्च को अच्छे से पीसकर पेस्ट बना लें. फिर इस पेस्ट को काढ़े में डालने से पहले पानी को अच्छे से उबालने दें. काढ़े के लिए दो गिलास पानी लें और पानी की मात्रा उस हिसाब से तय करें, जितने लोगों के लिए काढ़ा बनाना है. पानी की सही मात्रा ही काढ़े को सही से बनने में मदद करेगी. अदरक और मिर्च का मिश्रण जल्दी असर करता है और खांसी का असर जल्दी कम करता है.
ओमावली पत्तियां और तुलसी डालें
अब पानी में अच्छी तरह से धोकर ओमावली पत्तियां, दूथुवाला और तुलसी डालें. ओमावली पत्तियां खासकर खांसी और बुखार में बहुत लाभकारी होती हैं. इन पत्तियों को पानी में डालने के बाद, पानी को अच्छे से उबालने के लिए रखें. पहले इसे हाई फ्लेम पर उबालें, ताकि पत्तियों का सारा रस पानी में निकल जाए. फिर, काढ़े को धीमी आंच पर उबालते रहें. जब यह उबालकर तैयार हो जाए, तो यह खांसी और सर्दी को कम करने में मदद करेगा.
जब काढ़ा तैयार हो जाए
काढ़ा अच्छे से उबालने के बाद, गैस बंद कर दें और छान लें. ध्यान रखें कि काढ़ा बहुत गर्म होने पर उसमें शहद (honey) ना डालें. शहद को तब डालें जब काढ़ा थोड़ा ठंडा हो जाए क्योंकि गर्म काढ़े में शहद डालने से उसकी सभी गुणकारी विशेषताएं खत्म हो सकती हैं. अब, जब काढ़ा ठंडा हो जाए, तो उसमें शहद डालकर सेवन करें. यह काढ़ा खांसी और बलगम से राहत दिलाता है और सर्दी-खांसी के इलाज में बहुत कारगर साबित होता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 29, 2024, 12:12 IST