अपने प्रोडक्ट को साथ कलावती
अमेठी: “ख्वाहिशों से नहीं, कर्म से किस्मत बदलती है.” यह पंक्ति अमेठी की एक साहसी महिला, कलावती, की कहानी को पूरी तरह बयान करती है. गौरीगंज तहसील की रहने वाली कलावती ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर खुद का रोजगार शुरू कर न केवल अपनी जिंदगी बदली, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की मिसाल भी पेश की है.
कलावती, जो कक्षा 8 तक पढ़ी हैं, आज खुद का व्यवसाय चलाती हैं. वह मोमबत्ती, धूपबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम करती हैं. कानपुर से कच्चा माल मंगवाकर, सांचे के जरिए उत्पाद तैयार करती हैं और फिर उनकी पैकिंग कर बाजार तक पहुंचाती हैं. जिले में लगने वाली प्रदर्शनियों में उनके उत्पादों की खूब मांग रहती है. पहले रोजगार की कमी से जूझ रही कलावती ने अब इस काम के जरिए न केवल मुनाफा कमाना शुरू किया है, बल्कि अपने परिवार का भी बेहतर ढंग से भरण-पोषण कर रही हैं.
रोजाना अच्छी कमाई
कलावती के मुताबिक, एक पैकेट पर उन्हें 10-20 रुपए का लाभ होता है. एक किलो मोम से वह करीब 400 रुपए तक कमा लेती हैं. इसके अलावा, अगरबत्ती और धूपबत्ती से उन्हें 100-150 रुपए अतिरिक्त मुनाफा होता है. इस तरह, महीनेभर में अच्छी आमदनी हो जाती है, जिससे उनका परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित है.
संघर्ष से सीखा सबक
कलावती ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि रोजगार शुरू करने से पहले उन्हें दूसरों से कर्ज लेना पड़ता था, जो कई बार अपमान का कारण भी बनता था. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. उन्होंने खुद का काम शुरू कर गाय और भैंस भी खरीदी हैं. इस समूह के जरिए वह अपनी जरूरी जरूरतों को पूरा कर रही हैं.
प्रेरणा की मिसाल
कलावती की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपनी मेहनत और लगन से जीवन को बेहतर बनाने का सपना देखती हैं. कलावती ने साबित कर दिया है कि अगर हौसला और मेहनत हो, तो बड़े से बड़े अंधेरे को भी रौशनी में बदला जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 21, 2024, 17:06 IST