बल्लभगढ़ किसान सुखबीर का धनिया खेती पर संघर्ष.
Faridabad News: बल्लभगढ़ के किसान सुखबीर की कहानी संघर्ष और मेहनत की मिसाल है। वे दिन-रात मेहनत करते हुए भी खेती से मुन ...अधिक पढ़ें
- News18 Haryana
- Last Updated : November 23, 2024, 14:13 IST
फरीदाबाद. बल्लभगढ़ के सुनपेड़ गांव के किसान सुखबीर एक बीघा में धनिया की खेती कर रहे हैं. 60 वर्षीय सुखबीर का कहना है कि उनकी पूरी आजीविका इसी खेती पर निर्भर है. परिवार में 8 से 10 लोग हैं, जिनकी रोज़मर्रा की जरूरतें और खर्च इसी से पूरे होते हैं. हालांकि, मेहनत काफी है और मुनाफा कम. सुखबीर दिन-रात खेतों में काम करते हैं ताकि परिवार का पेट भर सके.
Local18 से बातचीत में साझा किए अनुभव
किसान सुखबीर ने Local18 को बताया कि वह कई सालों से धनिया की खेती कर रहे हैं. धनिया की फसल दो से ढाई महीने में तैयार हो जाती है. सर्दियों में फसल को 8 से 10 दिन में पानी देना पड़ता है. सुखबीर ने बताया कि तैयार फसल को वह बल्लभगढ़ की सब्जी मंडी में बेचने जाते हैं. धनिया मंडी में गड्डियों के हिसाब से बेचा जाता है, जहां 100 गड्डियों की कीमत लगभग 250 से 300 रुपये तक मिलती है.
मेहनत ज़्यादा, मुनाफा कम
धनिया की खेती में काफी मेहनत लगती है, लेकिन मुनाफा खास नहीं होता. सुखबीर का कहना है कि खेत में काम करने वाले मजदूरों को 500 रुपये प्रतिदिन देना पड़ता है. इसके अलावा, फसल में कीड़ों का खतरा भी बना रहता है, जिसे खत्म करने के लिए 505 नामक दवा का उपयोग करना पड़ता है. इन सभी खर्चों के बाद भी उनका परिवार इसी खेती के सहारे जीवन यापन कर रहा है.
परिवार की उम्मीदें और संघर्ष
सुखबीर के अनुसार, खेती उनके परिवार का मुख्य सहारा है, लेकिन लगातार बढ़ते खर्च और मेहनत के बावजूद आमदनी में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हो पाई है. उनका कहना है कि खेती में लगी चुनौतियों के बावजूद वह मेहनत करते रहेंगे ताकि उनका परिवार बेहतर जीवन जी सके.
Editer- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 14:13 IST