गरुड़ पुराण: पितृपक्ष में हो गई है किसी अपने की मृत्यु, माने जाते हैं ये संकेत

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पितृपक्ष में मृत्यु का अर्थ?पितृपक्ष में मृत्यु का अर्थ?

हाइलाइट्स

हम उन्हें तर्पण, श्राद्ध या पिंडदान करते हैं.इन दिनों में कई काम करने की मना ही होती है

Pitru Paksha 2024 : हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का बड़ा महत्व बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि पितृ पक्ष की परंपरा रामायण और महाभारत काल से जुड़ी हुई है और आज तक चली आ रही है. मान्यता है कि इन दिनों में पितर धरती पर आते हैं और हम उन्हें तर्पण, श्राद्ध या पिंडदान करते हैं तो वे हमसे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. इन दिनों में कई काम करने की मना ही होती है और कई नियमों का पालन भी किया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा ​है कि पितृ पक्ष के दौरान यदि किसी की मृत्यु हो जाए तो क्या होता है? दरअसल ऐसी घटनाएं कई प्रकार के संकेत देती हैं. इनके बारे में गरुड़ पुराण में विस्तार से बताया गया है. आइए जानते हैं इन रहस्यों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

1. घर-परिवार पर बनी रहती है कृपा
गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि पितृपक्ष के दौरान किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए तो इससे पितरों का आशीर्वाद उनके घर और परिवार पर हमेशा बना रहता है. यही नहीं, मृत्यु के बाद ऐसे व्यक्ति की आत्मा को स्वर्ग में स्थान मिलता है.

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2. सौभाग्य का प्रतीक है ऐसी मृत्यु
पितृ पक्ष की अवधि में यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसे अत्यंत शुभ और सौभाग्यशाली माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि उस व्यक्ति के अच्छे कर्मों के कारण ही पितृ पक्ष में उसकी मृत्यु होती है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान मृत्यु होने पर मृतक के परिवार में सुख और संपन्नता आती है.

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पितृ पक्ष में मृत्यु होने का मतलब
यदि पितृ पक्ष के दौरान किसी व्यक्ति की आकस्मित मृत्यु हो जाती है तो इसे शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति का स्वर्ग में भी स्वागत होता है. वहीं ऐसे व्यक्ति के अंतिम संस्कार में भी कोई बदलाव नहीं होता, लेकिन यदि इन दिनों में किसी की अकाल मृत्यु हो जाए तो घर पर श्राद्ध, तर्पण करने की मनाही होती है. ऐसी स्थिति में आप गया जाकर पिंडदान कर सकते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Pitru Paksha

FIRST PUBLISHED :

September 27, 2024, 15:04 IST

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