तिब्बत के शरणार्थी
बालाघाट. जैसे-जैसे ठंड बढ़ने लगी है वैसे-वैसे गर्म कपड़ों का बाजार सजने लगा है. इन दिनों बालाघाट में भी तिब्बती कपड़ों का बाजार सज चुका है. लेकिन हम इस बार उनके स्वेटर या जैकेट के बारे में बात नहीं कर रहे है. आज हम बता रहे स्वेटर बेचने वाले टेम्पा और सोनम डोलमा जैसे शरणार्थियों की कहानी. आज Local 18 बालाघाट के रिफ्यूजी तिब्बत मार्केट पहुंचा है. पढ़िए तिब्बतियों की इनसाइड स्टोरी…
बालाघाट में 40 सालों से लग रहा रिफ्यूजी तिब्बत मार्केट
जब लोकल 18 तिब्बती गर्म कपड़ों के बाजार में पहुंचा तो एक स्टॉल पर बैठी सोनमा डोलमा ने बताया कि वह साल में एक बार ही चार महीनों के लिए भारत के मैदानी भागों में तिब्बती कपड़ों का बाजार लगाते हैं. इसके लिए भारत सरकार की तरफ से खास अनुमति दी जाती है. वहीं, शहर में वह अपने बाजार के लिए खुद ही साफ-सफाई करते हैं. और फिर मार्केट सजाते हैं.
1959 में भारत आए थे टेम्पा के दादा
तिब्बत के लोग 1959 में दलाई लामा के साथ भारत आए थे. टेम्पा बताते हैं कि दादा दलाई लामा के साथ-साथ भारत आए थे. ऐसे में वह रिफ्यूजी के तौर पर भारत में रह रहे है. भारत में पांच तिब्बतियों के लिए सेटलमेंट सेंटर बनाए गए है. हिमाचल, कर्नाटक, और महाराष्ट्र में 5 सेटलमेंट सेंटर हैं. यहां पर वे गर्मी और बारिश में खेती और मजदूरी करते हैं. वहीं, ठंड का मौसम आते ही तिब्बती शरणार्थी भारत के अलग-अलग इलाकों से गर्म का कपड़ों का बाजार लगाते हैं.
टेम्पा के हाथों पर स्वतंत्र तिब्बत की टैटू
हमारी नजर टेम्पा के हाथों पर बने टैटू पर पड़ी. उस पर लिखा था स्वतंत्र तिब्बत. जब हमने इसके बारे में पूछा तो उन्होंने हमें बताया कि हम इंडिया में है. क्यों है? क्योंकि हमारी जगह पर चीन ने कब्जा कर रखा है. उन्होंने कहा कि इंडिया वालों को बताना है कि तिब्बत एक आजाद देश है. चीन का नहीं हैं. धर्मशाला में एक तिब्बत को आजाद कराने के लिए एक संगठन है. इसका नाम सेंट्रल तिब्बतियन एडमिनिशट्रेशन है. यह हमारी लिए रणनीति बनाती है. यहीं से वह भारत सरकार से मदद और दूसरी रणनीति बनाते हैं.
टेम्पा बताते है कि उनके पिता ने भारत की नागरिकता नहीं ली. वह तिब्बत लौटना चाहते थे. अब उनका बेटा टेम्पा भी तिब्बत लौटना चाहता है लेकिन उसके पास पुख्ता दस्तावेज नहीं है. ऐसे में विदेश नहीं जा पा रहा है.
सोनम डोलमा बोलीं- “हम एक दिन आजाद होंगे और अपने वतन लौटेंगे”
शरणार्थी सोनम डोलमा बताती हैं कि चीन ने उनके देश पर कब्जा कर लिया है. देश के खनिज लूट कर चीन ले जा रहा है. सोनम को भरोसा है कि वह जल्द ही अपने वतन लौटेगी. उन्होंने कहा कि भारत भी 200 साल अंग्रेजों के कब्जे में था. ये देश आजाद हो सकता है, तो हम भी आजाद होंगे. और एक दिन अपने मुल्क लौटेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 29, 2024, 14:46 IST