गाभिन पशु के साथ भूलकर भी न करें ये गलतियां
जहानाबाद. देश में पशुपालन का कार्य बड़े पैमाने पर हो रहा है. यह ग्रामीण परिवेश के लोगों की जीविकोपार्जन का एक मुख्य स्त्रोत भी माना जाता है. हालांकि, बदलते दौर में पशुपालन का तरीका भी बदल चुका है. अब गांव के साथ शहरों में भी इसे बड़े व्यवसाय के तौर पर चला रहे हैं. इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. इन सब के बीच अक्सर यह देखने को मिलता है कि पशुपालक पशुओं में गर्भधारण की स्थिति में कुछ लापरवाही बरतते हैं, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान भी हो जाता है. उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में आज इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र गंधार के पशु एक्सपर्ट डॉ. दिनेश महतो से लोकल 18 की टीम ने बात की.
इस दौरान उन्होंने बताया कि किसान भाई गाभिन पशुओं का देखभाल करना बंद कर देते हैं. ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि गर्भधारण के समय में उससे लाभ नहीं मिलता है. ऐसा सोचते हैं कि दूध नहीं दे रही तो उसे खाना देना उचित नहीं, लेकिन यही लापरवाही उन्हें कभी कभी भारी पड़ जाता है. ऐसे में यह ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी के समय में पशुओं को खाना अधिक देना होता है, ताकि जच्चा और बच्चा दोनों को अच्छे से भोजन मिल सके. खाना अधिक देने से पशु स्वस्थ रहेगा. साथ ही बच्चे के जन्म के समय भी किसी तरह से कोई परेशानी नहीं होगी.
भोजन में नहीं करना चाहिए कमी
एक्सपर्ट के अनुसार, पशुओं में प्रेग्नेंसी के केस में कभी-कभी ऐसा होता है कि शरीर ठंडा हो रहा है. इसका मतलब ये होता है कि पशु के शरीर में ऊर्जा की कमी हो गई है. ऐसी स्थिति में पशुओं को ठंड मारने का डर ज्यादा रहता है. ठंड मारने पर गाभिन पशु गिर जाती है. इस केस में अगर बच्चा पेट में ही मर जाता है तो किसानों को बड़ा नुकसान सहना पड़ता है, क्योंकि बच्चा पेट में मरने पर पशु के भी बचने की संभावनाएं खत्म हो जाती है. इसलिए, किसान को ये ध्यान रखना है कि गाभिन पशु को अनाज के साथ 2 किलोग्राम अतिरिक्त भोजन देना है. सर्दियों में गर्म पानी देना है, हरा चारा, खाली, चोकर और सूखा चारा का उचित इस्तेमाल करना होता है.
मिनरल और कैल्शियम पशु को बेहद जरूरी
पशु एक्सपर्ट बताते हैं कि पशु जब गाभिन है तो उस वक्त भोजन के साथ साथ एक और बात पर ध्यान रखना होता है. गाभिन पशुओं को 50 से 100 ग्राम रोजाना मिनरल पाउडर देना चाहिए. जब तक बच्चा जन्म ना ले. प्रेग्नेंसी केस में 7 महीना तक कैल्सियम देना चाहिए. हालांकि, ठंड में इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए. कैल्शियम का इस्तेमाल बच्चा देने से 15 दिन पहले करना है, वो भी जेल के रूप में. साथ ही सरसों तेल भी पिलाएंगे. ऐसा करने से पशु में एनर्जी मिलती रहेगी. इससे पशु जड़ी आसानी से गिरा देगी. बच्चा भी स्वस्थ रहेगा. पशु भी स्वस्थ होगी. मिनरल पावडर नहीं देने से गाभिन पशु जड़ी जल्दी नहीं गिराती है.
बच्चा जन्म लेने के बाद तुरंत न करें ये काम
पशु एक्सपर्ट के मुताबिक, जब पशु बच्चा दे देती है तो पशुपालक एक बार में दूध ज्यादा निकालते हैं. हालांकि, ऐसा करने से पशु कमजोर होती है. अगर आपकी गाय 9 से 10 किलो दूध दे रही है तो आपको 3 बार में 2 से 3 किलो तक दूध ही निकालना चाहिए. एक ही बार में पूरे थन से दूध को नहीं निकालना है. एक बार में पूरा दूध निकालने से शरीर में कमजोरी हो जाती है, जिससे मिल्क फीवर होने की संभावनाएं रहती है. ऐसे में पशु गिर जाती है. इसके लिए कैल्शियम देना पड़ता है. ऐसे में ये काम बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 21:33 IST