Agriculture training
ट्रेनिंग के दौरान कृषि वैज्ञानिक पंकज सेठ ने किसानों को जैविक खेती, मशरूम की खेती, फूल की खेती और मधुमक्खी पालन के बारे ...अधिक पढ़ें
- News18 Jharkhand
- Last Updated : September 29, 2024, 12:31 IST
झारखंड के गिरिडीह जिले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने है. उन्हें सही तरीके से खेती करना सिखाने के उद्देश्य से कृषक स्वर्ण समृद्धि सप्ताह का आयोजन किया गया. इस आयोजन के तहत गिरिडीह विज्ञान केंद्र द्वारा महिला किसान, पुरुष किसान और सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) के जवानों को विभिन्न खेती के गुर सिखाए गए.
गिरिडीह विज्ञान केंद्र, बेंगाबाद में 23 सितंबर से शुरू होने वाले कृषक स्वर्ण समृद्धि सप्ताह के अंतर्गत किसानों को कृषि से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा था. इस कार्यशाला में कुल 40 से अधिक महिलाएं, कुछ पुरुष और एसएसबी के 10 जवान शामिल हुए थे. सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने सिविलियन के रूप में ट्रेनिंग लेने में हिस्सा लिया.
कृषि वैज्ञानिक पंकज सेठ ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
ट्रेनिंग के दौरान कृषि वैज्ञानिक पंकज सेठ ने किसानों को जैविक खेती, मशरूम की खेती, फूल की खेती और मधुमक्खी पालन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि किसान को रसायनिक खादों का प्रयोग छोड़ना चाहिए ताकि पर्यावरण दूषित न हो और जमीन तथा फसल जहरीली न बनें. जिससे लोगों की सेहत प्रभावित हो सकती है.पंकज सेठ ने आगे समझाया कि कैसे छोटे किसान सही समय पर सही बीज का चयन कर अधिक लाभ कमा सकते हैं. तकनीकी सहायता से वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके खेती में मुनाफा बढ़ा सकते हैं. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि यदि उन्हें खेती से संबंधित कोई परेशानी हो. वे कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क कर सकते हैं.
मौलिक खेती के लाभ और तकनीक
कृषि वैज्ञानिक सेठ ने किसानों को समझाया कि जल संचय, समग्र खेती और तकनीकी उन्नति के माध्यम से खेती को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे कृषि में नए आयाम जोड़कर खेती को अधिक उत्पादक और लाभकारी बनाया जा सकता है.
कृषक स्वर्ण समृद्धि सप्ताह का महत्व
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों से परिचित कराना. उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इससे किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी और वे अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधार सकेंगे.इस आयोजन के दौरान किसानों ने नए तरीकों को अपनाने की प्रेरणा पाई और उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के साथ मिलकर अपने खेती के तरीकों में सुधार करने का संकल्प लिया.
निष्कर्ष
गिरिडीह में आयोजित कृषक स्वर्ण समृद्धि सप्ताह ने किसानों में नई उम्मीदों की किरण जगाई है. इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों से अवगत कराया जाता है. बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलती है. किसान अब अपने खेतों में जैविक खेती और अन्य नवीन तरीकों को अपनाकर बेहतर उत्पादन कर सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
September 29, 2024, 12:31 IST