रांची. झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव, वहीं कई राज्यों में उपचुनाव की वजह से पूरे देश का माहौल चुनावी बना हुआ है. ऐसे में नेताओं की ओर से बयानबाजी का दौर भी जारी है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने झारखंड को लेकर एक बयान दिया है. जिसमें उन्होंने कहा, ‘रांची को कराची न बनने दें और सोच-समझकर वोटिंग करें’. हालांकि, केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर झारखंड वासियों ने बेबाकी से अपनी राय भी दी है.
बता दें कि 20 नवंबर को झारखंड में दूसरे चरण की वोटिंग होनी है. वहीं, इसके पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को झारखंड के लोगों को एकजुट होकर मतदान करने की अपील कर दी. उन्होंने कहा, ”झारखंड के लोग जब मतदान करने जाएं, तो इस बात का विशेष ध्यान रहे कि उन्हें रांची को किसी भी कीमत पर कराची नहीं बनने देना है. रोहिंग्या मुस्लिम लगातार आदिवासियों की बेटियों से शादी कर रहे हैं. यह लोग बेटी, माटी और रोटी तीनों छीन रहे हैं.”
जो वह कह रहे हैं, वो हो भी रहा है…
रांची के सुरेंद्र बोले, गिरिराज सिंह के बयान से मैं एकदम सहमत हूं. वह जो कह रहे हैं वह एकदम सही कह रहे हैं. हमारे हक को छीना जा रहा है. मैं आदिवासी हूं और इस चीज को आंखों के सामने देख सकता हूं कि किस तरीके से आदिवासी बेटियों के साथ अन्याय हो रहा है. उन्हें पहले फुसलाकर शादी कराई जा रही है और फिर उनके हिस्से की जमीन हड़प ली जा रही है.
हमारी बेटियों को बहला रहे…
रांची से सटे ओरमांझी के निवासी मनीष मुंडा बोले, आदिवासी की जनसंख्या दिन पर दिन घटती जा रही है. अब हम आधे हो चुके हैं तो हमें सोच समझकर तो वोटिंग करनी ही होगी. इस बात से एकदम सहमत हैं कि रोहिंग्या के मुसलमान और बांग्लादेश से आकर लोग राजधानी रांची और आसपास के गांव में जड़े जमा रहे हैं. हमारी बेटियों को बहला रहे हैं.
एकजुट होना ही पड़ेगा…
रांची के डोरंडा निवासी दिलीप सिंह बोले, गिरिराज जी ने सही बोला है. राजधानी रांची का आने वाले समय में कराची जैसा हाल होगा. आप ही बताइए फिर हमारा क्या होगा. जब राजधानी नहीं बचेगी तो आसपास के गांव और अन्य जिलों की तो बात ही छोड़िए. ऐसे में हम लोगों को एकजुट होना ही पड़ेगा और कोई विकल्प नहीं हमारे पास.
वोटिंग के समय ही याद आ रहा…
लालमोहन सिंह बोले, गिरिराज सिंह की बात जो भी हो, क्या उनको वोटिंग के समय ही ये बात याद आ रही है कि रांची में घुसपैठ हो रही है. बांग्लादेश और रोहिंग्या से लोग आकर हमारा हक छीन रहे हैं. यह बात 11 साल से क्या वह भूल गए थे. झारखंड में बीजेपी की सरकार तो बहुत लंबे समय तक रही है. उस समय उन्होंने इसका कोई हल क्यों नहीं निकाला. यह सिर्फ राजनीति के लिए है और कुछ नहीं. यह तो आम मुद्दा है, जब से झारखंड बना है, घुसपैठ का मुद्दा तो है ही, फिर आज ही इनको याद क्यों आ रहा है?
FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 16:55 IST