महाराष्ट्र के पुणे जिले में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के कारण एक और मौत हो गई। इस बीमारी से अब तक कुल 3 लोगों की मौत हो चुकी है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से हुई तीसरी मौत 36 साल के एक OLA ड्राइवर पिंपल गुरव की हुई है। 21 जनवरी को उसे यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद आज उसने इस बीमारी के चलते दम तोड़ दिया।
पश्चिम बंगाल में हुई थी एक मौत
पुणे समेत देश के कई हिस्सों में गुइलेन बैरे सिंड्रोम के मामले दिन प्रति दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। पुणे के बाद नागपुर और पश्चिम बंगाल में भी इस बीमारी के मरीज मिल चुके हैं। 4 दिन पहले पश्चिम बंगाल में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से एक किशोर की मौत हो गई थी। उत्तर 24 परगना जिले के आम डांगा निवासी 17 वर्षीय अरित्रा मंडल की 27 तारीख को इस रहस्यमयी बीमारी से मौत हो गई। वह कई दिनों से गुइलेन बर्रे सिंड्रोम से पीड़ित था। उसे 23 जनवरी को नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण गुइलेन बर्रे सिंड्रोम बताया गया है।
नागपुर में भी मिले मरीज
जानकारी के मुताबिक, नागपुर में भी इस बीमारी के मरीज बढ़ रहे हैं। दो मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के मामले के सामने आने के बाद नागपुर सहित विदर्भ के सरकारी अस्पताल अलर्ट मोड पर आ हैं। लोगों को डॉक्टर की सलाह बिना दवाई ना लेने की सलाह दी गई है।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम लक्षण
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम में मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है। इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं। जीबीएस के लक्षण आमतौर पर दोनों पैरों में शुरू होते हैं, फिर बाहों में ऊपर की ओर बढ़ते हैं। कभी-कभी, लक्षण बाहों या सिर में शुरू होते हैं और नीचे की ओर बढ़ते हैं। लक्षणों में कमजोरी और एक असहज झनझनाहट शामिल है। असामान्य संवेदना की तुलना में कमजोरी अधिक प्रमुख होती है। इम्यून सिस्टम हमारे ही शरीर पर अटैक कर देता है। इसके लक्षण तेजी से फैलते हैं।
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