प्रोडक्ट को बेचते जितेंद्र.
जबलपुर: अभी तक आपने सुना होगा. गोबर का उपयोग पूजन अर्चन और कंडे बनाने में ही किया जाता होगा. लेकिन, भोपाल के जितेंद्र के एक आइडिया ने उन्हें लखपति बना दिया है. दरअसल, जितेंद्र पहले अस्पताल में नौकरी किया करते थे. गोबर के हुनर ने उनकी जिंदगी ही बदल दी. लिहाजा जितेंद्र के बनाए गोबर के प्रोडक्ट को लोग खूब पसंद कर रहे हैं.
भोपाल के जितेंद्र राठौर जबलपुर में लगे विज्ञान मेले में अपने प्रोडक्ट लेकर आए हुए थे. यह वही प्रोडक्ट थे. जिन्हें जितेंद्र और उनके परिवार ने मिलकर बनाया हुआ था. जितेंद्र गोबर के प्रोडक्ट जैसे घर को सजाने के लिए वॉल हैंगिंग्स, गोबर की घड़ियां, आईने, सील्ड, मूर्तियां सहित अन्य प्रोडक्ट बनाया करते हैं.
अस्पताल की नौकरी जोड़ी
लॉकडाउन के दौरान जितेंद्र राठौर को नौकरी छोड़नी पड़ी थी. लिहाजा खुद का व्यापार शुरू करने के लिए जितेंद्र ने गाय के गोबर का सहारा लिया. अब जितेंद्र डेयरी से शुद्ध गोबर लाकर कांडे बनाते हैं. फिर कंडो को सुखाकर अच्छी तरीके से बारीक कर तरह-तरह की कलाकृतियां बनाकर बाजार में बेचने का काम करते हैं. जितेंद्र राठौर ने लोकल 18 से कहा कि मैं स्वयं ही यह काम करता हूं. लेकिन परिवार में बेटा, मां और पत्नी मेरा हाथ बटाने का काम करते हैं. हम प्रोडक्ट बनाते हैं और साल भर अगल-अलग राज्यों के जिलों में लगने वाले मेले सहित फेस्टिवल में प्रोडक्ट को बेचा करते हैं. जिनसे हम आसानी से लाखों रुपए कमा लेते हैं.
गोबर के पाउडर का करते हैं उपयोग
उन्होंने बताया कि कलाकृतियां बनाने के लिए सिर्फ गाय के ही गोबर का उपयोग किया जाता है. पहले डेयरी से गोबर को लाया जाता है. फिर घर लाकर बकायदा गोबर के कंडे बनाए जाते हैं. कंडे को सुखाने के बाद कंडे को अच्छी तरीके से पीसकर पाउडर बनाया जाता है. इसके साथ ही कुछ अन्य चीज मिलाकर गणेश प्रतिमाएं सहित तरह-तरह की कलाकृतियां बनाने का काम करते हैं. इस तरह भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के साथ ही व्यापार भी लगातार बढ़ता जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 16:37 IST