औरंगाबाद. बीपीएससी ने गुरुवार को 32वीं बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. न्यायिक सेवा के लिए हुए इस परीक्षा में औरंगाबाद जिले की निश्चया कुमारी अपने पहले ही प्रयास में सफल हुई हैं. परीक्षा में सफलता के साथ निश्चया जज बनेंगी. बता दें कि निश्चया कुमारी को LLM करने के दौरान साल 2022 में गोल्ड मेडल मिला है. निश्चया कुमारी के दो साल का मेहनत रंग लाया.
गोल्ड मेडलिस्ट हैं निश्चया
निश्चया ने औरंगाबाद में ही अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के पश्चात KLE लॉ कॉलेज बेंगलुरू से LLB और नेशनल यूनिवर्सिटी गांधीनगर गुजरात से LLM की डिग्री हासिल की है. निश्चया कुमारी फ़िलहाल पटना यूनिवर्सिटी से PhD कर रही हैं. निश्चया कुमारी को गोल्ड मेडल भी मिल चुका है. बता दें कि निश्चया कुमारी की मां रंजू कुमारी शिक्षिका हैं तो वहीं उनके पिता नीलमणि पांडेय सामाजिक कार्यकर्ता हैं और दादा सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय स्वास्थ विभाग से रिटायर्ड हैं.
पहली प्रयास में निकाला BPSC
जज बनी निश्चया कुमारी ने बताया कि पढ़ाई के दौरान घर से उन्हें काफी सपोर्ट मिला है. उन्हें बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि फर्स्ट अटेम्प्ट में ही इस परीक्षा में सफलता हासिल होगी. निश्चया ने बताया कि बेंगलुरू में LLB करने के दौरान कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा. छोटे से शहर से जाने के बाद बड़े महानगर के कल्चर में खुद को एडजस्ट करना काफी चुनौतीपूर्ण था लेकिन LLB की पढ़ाई के दौरान की गई 5 साल की मेहनत ने जज बनने में मदद किया.
तैयारी करने वाले छात्र रखें इन बातों का ध्यान
जज बनी निश्चया ने बताया कि तैयारी करने वाले बच्चों को कई महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए. अक्सर ऐसा होता है कि LLB की पढ़ाई के दौरान बच्चे इस कोर्स को सीरियस नहीं लेते, लेकिन अगर आपने ज्यूडिशियरी में आने का मन बना लिया है तो LLB की पढ़ाई के दौरान ही सीरियस हो जाएं. वहीं अपने सब्जेक्ट पर फ़ोकस करें. अपने कमजोर विषय पर अधिक मजबूती से काम करें. कठिन परिश्रम का फल जरूर मिलेगा, सफलता जरूर मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 29, 2024, 19:46 IST